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जदयू के राष्ट्रीय परिषद में आएगा सरना धर्म कोड का मुद्दा

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द फॉलोअप टीम, रांची :
पूर्व सांसद सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा है कि जदयू की झारखण्ड इकाई सरना धर्म कोड की मान्यता सहित झारखण्डी जनभावना से जुड़े 10 प्रमुख जन मुद्दों को आगे बढ़ाने के प्रस्ताव के साथ 27 दिसंबर 2020 को पटना में होने वाली जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल होगी। जदयू झारखण्ड की जनता के साथ मिलकर उनके अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी के लिए संघर्ष तेज करेगी। क्योंकि पक्ष-विपक्ष के जनविरोधी रवैए से झारखंड की जनता निराश और ठगा हुआ महसूस कर रही है। 

शराबबंदी की जगह शराब कारोबार में जुटी है सरकार   
हेमंत सरकार द्वारा शराबबंदी की जगह शराब कारोबार में आदिवासियों को भी घसीटने और पूरे प्रदेश को शराबमय बनाने के फैसले का जदयू विरोध करती है। हँड़िया- दारु आदि झारखण्ड के जन मानस के लिए जहर है। राजस्व वृद्धि के लिए झारखंड में प्राकृतिक संसाधन की प्रचुरता है, सरकार उसपर ध्यान दे।  

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झारखंडी सपनों को मिटा रही सरकार  
सालखन मुर्मू ने कहा है कि गांव की सरकार अर्थात पेसा कानून- 96 के तहत पंचायत चुनाव कराने और पंचायत प्रतिनिधियों, ग्राम सभाओं को पैसा और पावर देने के मामले में भी हेमंत सरकार विफल है। जबकि वर्तमान सरकार से स्थानीयता,आरक्षण, रोजगार, झारखंडी भाषा संस्कृति की समृद्धि, विस्थापन पलायन और ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर रोक जैसे अहम मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की उम्मीद थी। हेमंत सरकार केवल रूटीन काम कर रही है और अब तक झारखंडी सपनों को मिटाने का काम कर रही है।