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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव: समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के बाद आखिर ट्रंप ने स्वीकार की अपनी हार

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 
अमेरिका में 3 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को लेकर अमेरिकी कांग्रेस का सत्र चल रहा था, जहां जो बाइडन को मिली जीत पर मुहर लगनी थी। वर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर दबाव डाल रहे थे कि वो बाइडन को जीत का सर्टिफिकेट ना दें। इसी बीच बताया जा रहा कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को भाषण से उकसाया। इसके बाद कैपिटल बिल्डिंंग में ट्रंप समर्थकों की हिंसक भीड़ बैरिकेड तोड़कर अंदर घुस गई।  वे हथियारों से लैस थे। उन्होंदने खिड़कियां तोड़ दीं और पुलिस वालों से भिड़ गए। इसी दौरान एक महिला को गोली लगी और बाद में मौत हो गई। हंगामे के बाद ट्रंप ने समर्थकों को घर जाने के लिए कहा।

बाइडन ने ट्रंप समर्थकों को फसादी बताया
विलमिन्गटन से बोलते हुए बाइडन ने कहा, ''लोकतंत्र अप्रत्याशित रूप से ख़तरे में है। मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपील कर रहा हूं कि वो नेशनल टीवी पर जाएं और अपनी शपथ का पालन करते हुए संविधान की रक्षा करें और कैपिटल को कब्जे से मुक्त कराएं। कैपिटल में घुसकर खिड़कियाँ तोड़ना, फ्लोर पर कब्जा कर लेना और उथल-पुथल मचाना विरोध नहीं फसाद है।''

हमेशा बाइडन की जीत से इंकार करते रहे
समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन और चौतरफा हो रहे बयानी हमले के बाद आखिर ट्रंप ने अपनी हार मान ली। बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के बाद उन्होंने कहा कि 20 जनवरी को जो बाइडन को सत्ता का 'व्यवस्थित' हस्तांतरण किया जाएगा। बता दें कि ये पहली बार है जब ट्रम्प ने अपनी हार मानी है। वरना आज तक वो यही कह रहे थे कि चुनाव में धांधली हुई है।

कांग्रेस संयुक्तक सत्र के बाद, नतीजे का हुआ एलान
हंगामे के बीच कांग्रेस के संयुक्त सत्र ने चुनाव में राष्ट्रपति पद पर जो बाइडन और उपराष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस को मिली जीत को सत्यापित कर दिया। अब 20 जनवरी को जो बाइडन देश के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे।