द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर दो माह से अड़े आंदोलित किसानों को सरकार से आस थी कि जरूर उनके लिए बजट में कुछ खास होगा। लेकिन बजट से उनमें निराशा है। किसानों का कहना है कि सरकार को कृषि के लिए अलग से बजट लाना चाहिए।
बजट ने उदास किया: योगेंद्र यादव
किसान आंदोलन से जुड़े स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि बजट ने उदास किया है। सरकारी बजट का कुल 5.1 फीसदी से घटाकर 4.3 फीसदी कर दिया गया है। पीएम किसान निधि सम्मान योजना को 75 हजार करोड़ से घटाकर 65 हजार करोड़ कर दिया गया है।
कृषि ऋण माफ किए जाएं: राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों के विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए अलग बजट लाना चाहिए। कृषि ऋण भी माफ किए जाने की जरूरत है। किसानों को मुफ्त में बिजली मिले। मनरेगा के मजदूरों के लिए नियमित भुगतान देने की घोषणा हो।