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एग्जिट पोल में पिछड़े एनडीए को चमत्कार की उम्मीद, महिला वोटरों पर है भरोसा

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द फॉलोअप टीम, पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव के सभी एग्जिट पोल जहां महागठबंधन को बढ़त दे रहे हैं वहीं, एनडीए खेमा अभी भी साइलेंट वोटर को लेकर उम्मीदें बांध रखी है। टुडेज चाणक्य एग्जिट पोल  बिहार में महागठबंधन की बंपर बहुमत के साथ सरकार बनाने की भविष्यवाणी कर चुका है। हालांकि, एनडीए खेमा महिला वोटरों को लेकर भी थोड़ा उत्साहित है। विधानसभा और लोकसभा के पिछले तीन चुनावों में राज्य में महिला वोटरों का प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा रहा था और उसका सीधा फायदा नीतीश कुमार को मिला था।

एनडीए को करिश्मे की उम्मीद
एग्जिट पोल के अनुमान भले ही एनडीए के पक्ष में जाता नहीं दिख रहा है, लेकिन एनडीए खेमे में साइलेंट और महिला वोटरों को लेकर एक आशा की किरण दिख रही है। रविवार को हालांकि, एनडीए खेमा थोड़ा शांत था, लेकिन बीजेपी और जेडीयू दोनों के नेताओं का मानना था कि साइलेंट वोटर बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम में करिश्मा कर सकता है। बिहार बीजेपी चीफ संजय जायसवाल ने बताया कि बिहार में ऐसे बहुत सारे वोटर हैं जिनको पीएम नरेंद्र मोदी की योजनाओं से सीधा लाभ हुआ है और ये साइलेंट वोटर हैं और एग्जिट पोल में ऐसे वोटरों की राय ले पाना मुश्किल होता है। हमें अंतिम परिणाम का इंतजार करना चाहिए। हम आराम से सरकार बना लेंगे।

तीन मौकों पर एग्जिट पोल हुए हैं फेल!
अगर एग्जिट पोल की सटीकता की बात करें तो 2005, 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में ये सही साबित नहीं हुए थे। 2005 में नीतीश कुमार के सत्ता में वापसी की किसी ने अनुमान नहीं लगाया था। वहीं 2010 विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल की भविष्यवाणी सही नहीं रही थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल्स में बीजेपी के गठबंधन की सरकार बनाने की उम्मीद जताई गई जबकि महागठबंधन को उसबार बंपर बहुमत मिला था।

'एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं' 
उधर, जेडीयू के नेता महिलाओं और ईबीसी वोटरों में नीतीश कुमार की लोकप्रियता को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं। जेडीयू के बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि 2005 में किसी ने नहीं कहा था कि नीतीश कुमार वापसी करनेवाले हैं। 2010 में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की गई थी। 2015 में एग्जिट पोल बीजेपी की सरकार बना रहे थे। इसलिए हमें एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं करने के कई कारण है।

आरजेडी को जीत का विश्वास
आरजेडी के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा, ओपिनियन पोल से लेकर एग्जिट पोल तक हमने लंबा रास्ता तय कर लिया है। इस दौरान लोगों ने तेजस्वी यादव में भरोसा जताया है। हमें जीत का पूरा भरोसा है।

कांग्रेस ने माना, बदलाव के लिए हुआ वोट
एग्जिट पोल के नतीजों से गदगद कांग्रेस ने भी दावा किया है कि राज्य में महागठबंधन की सरकार बनेगी। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला अनुसार, 'बिहार ने बदलाव के लिए वोट किया है, रोजगार के लिए वोट किया है। जहां तक एग्जिट पोल की बात है तो चैनलों और न्यूज पेपर के लिए एक आंकड़ा है। जब चुनाव परिणाम आएंगे तो असली नतीजे सबके सामने होंगे। यूपीए को 150 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। कांग्रेस को 40-55 सीटें मिलेंगी।

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महिला वोटर करेंगी बड़ा खेल!
2015 के विधानसभा चुनावों में महिलाओं ने सबसे ज्यादा 60.5 प्रतिशत वोटिंग की थी और 53.3 फीसदी पुरुषों ने वोट डाले थे। इसका फायदा नीतीश को मिला था और उनकी सत्ता में वापसी हुई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में 54.9 प्रतिशत पुरुषों ने वोट डाले थे, जबकि महिलाओं का प्रतिशत 59.6 रहा था। लोकसभा चुनाव में राज्य की 40 सीटों में से 39 पर जीत मिली थी। ऐसे में 2020 में महिलाओं का ज्यादा मतदान सत्तारूढ़ खेमे को थोड़ा बल दे रहा है।

एनडीए समर्थकों को नीतीश के कामों पर भरोसा
बिहार में ऐसे भी कई लोग हैं जिन्हें एग्जिट पोल्स पसंद नहीं आए हैं और वो इतिहास का हवाला दे रहे हैं। ऐसे लोग 2019 के लोकसभा चुनाव और 2015 के विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल्स का हवाला दे रहे हैं। वे साइलेंट वोटर और 'मैच्योर वोटर' की भी बात कर रहे हैं। महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़ने का भी वे हवाला दे रहे हैं। एनडीए समर्थकों को लग रहा है कि बिहार के लोग इतनी जल्दी नीतीश के 'अच्छे काम' को नहीं भुला पाएंगे।