द फॉलोअप नेशनल डेस्क
उत्तराखंड के जंगलों में लगी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस ममले में आज सुनवाई होनी है। वहीं खबर लिखे जाने तक आग में जलकर 6 लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि अप्रैल के पहले सप्ताह में उत्तराखंड के कुछ जंगलों में आग लगी है। राज्य के 11 जिले आग की चपेट में आ चुके हैं। ये जिल हैं गढ़वाल मंडल के पौड़ी रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी और टिहरी। वहीं, देहरादून के कुछ इलाके भी आग की चपेट में हैं। कुमाऊं मंडल का नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ ऐसे जिले हैं, जहां आग से अधिक नुकसान हुए हैं।
इनको शामिल किया गया बचाव दल में
मिली खबर के मुताबिक रेस्क्यू ऑपरेश में वन विभाग की टीम, फायर ब्रिगेड की टीम और पुलिस के साथ सेना के जवानों को भी लगाया गया है। इसी के साथ आर्मी एरिया में आग पहुंचती देख एयरफोर्स के MI-17 हेलिकॉप्टर को भी मदद के लिए बुलाया गया है। एक अन्य खबर के मुताबिक रुद्रप्रयाग में 3 लोगों को जंगल में आग लगाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बता दें कि उत्तराखंड में 15 फरवरी से 15 जून यानी 4 महीने फायर सीजन होता है। इस समय आग लगने की घटनाएं अधिक होती हैं। वहीं, कुछ लोग इस समय अपने फायदे के लिए भी आग लगा देते हैं।
सीएम धामी ने क्या कहा
इधर सीएम, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। पुलिस भी आग लगने की घटना को लेकर मुस्तैद हो गयी है। खबर लिखे जाने तक अब तक आग लगाने के मामलों में 383 केस दर्ज किए गये हैं। इसमें 315 अज्ञात लोगों के खिलाफ, जबकि 59 मामले नामजद लोगों को आरोपी बनाया गया है। प्रभावित इलाकों में कूडे और पेराली में आग लगाने पर रोक लगा दी गयी है।
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