द फॉलोअप डेस्क
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144 साल बाद आयोजित महाकुंभ को हर कोई एक खास याद के रूप में संजोना चाहता है। इस कारण एक ग्रीक युवती ने इसे और भी विशेष बना दिया। पेनेलोप नाम की इस युवती ने महाकुंभ में सिद्धार्थ नाम के एक भारतीय युवक से शादी रचा ली। मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को महाकुंभ के बीच इन दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीवन की नई शुरुआत की। इस जोड़े ने अपनी शादी को आध्यात्मिक और दैवीय तरीके से करने का फैसला लिया था। क्योंकि उन्हें शादी के पारंपरिक जश्न और पार्टी कल्चर में कोई रुचि नहीं थी।शादी के इस पवित्र अवसर पर जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी ने कन्यादान की रस्म अदा की। इस मौके पर पेनेलोप की मां और अन्य परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे। इसे लेकर स्वामी यतींद्रानंद ने बताया कि पेनेलोप ने कुछ साल पहले सनातन धर्म को अपनाया था। वह भगवान शिव की भक्त हैं। सिद्धार्थ भी एक धार्मिक व्यक्ति हैं, जो योग का प्रचार करने और सनातन धर्म की सेवा के लिए कई देशों में गए हैं। इस विवाह में भारतीय परंपराओं का पालन करते हुए दोनों ने अग्नि के 7 फेरे लिए।
वहीं, शादी के बाद पेनेलोप ने अपनी खुशी जताते हुए कहा कि यह अनुभव उनके लिए अत्यंत जादुई था। भारतीय संस्कृति में शादी करना उनके लिए एक नई और रोमांचक यात्रा थी। उन्होंने बताया कि यह सबकुछ उनके लिए नया था, फिर भी परिचित सा महसूस हो रहा था। इस दौरान सिद्धार्थ ने भी प्रयागराज को शादी के लिए चुनने का अपना कारण बताया। उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि उनकी शादी सबसे पवित्र और आध्यात्मिक तरीके से हो। उनका मानना था कि संगम का स्थान न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया और ब्रह्मांड में सबसे पवित्र है। इस जोड़े ने फैसला किया है कि वे महाकुंभ के अंत तक प्रयागराज में रहेंगे और 29 जनवरी को संगम में स्नान करेंगे। पेनेलोप ने कहा, "मैं इसे मिस नहीं करना चाहूंगी, हम यहां महाकुंभ की शुरुआत से हैं और जब तक यह खत्म नहीं होता, हम यहीं रहेंगे। मेरी मां भी इस पवित्र स्नान का हिस्सा बनेंगी।"