द फॉलोअप डेस्क
उत्तराखंड (Uttarakhand ) विधानसभा में आज समान नागरिकता विधेयक यानी UCC बिल पेश कर दिया गया। सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने इस सदन के पटल पर रखा। बिल के पास होते ही राज्य में इसे कानून का दर्जा मिल जायेगा। हालांकि इस बीच सदन में विपक्ष ने शोर-शराबा शुरू कर दिया और सरकार विरोधी नारे लगाये। हंगामा और शोर शऱाबा बढ़ने पर सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। विधानसभा में इसे पारित होने के बाद अंतिम मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जायेगा। इस बीच सीएम धामी ने सदन में यूसीसी बिल पास कराने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि आज उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश को भी इसकी जरूरत है।
क्या कहा सीएम धामी ने
गौरतलब है कि गोवा के बाद समान नागरिकता कानून (UCC) उत्तराखंड (Uttarakhand ) में लागू करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने इस बाबत पिछले सप्ताह कहा था कि UCC को लागू करने का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। पहले से खबर मिल रही थी कि आगामी विधानसभा के सत्र में इसे बजट के साथ पेश किया जा सकता है। लेकिन सीएम धामी ने साफ शब्दों में कहा था कि बजट सत्र के दौरान ही UCC बिल को पेश किया जायेगा। इसके बाद उसे उत्तराखंड में लागू कर दिया जायेगा। बता दें कि UCC गोवा में पहले से लागू है।
क्या होंगे मुख्य बदलाव
यूसीसी के लागू होते ही मुस्लिम समाज के लोगों को विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा और वे संबंध विच्छेद करने के लिए 3 तलाक का भी सहारा नहीं ले सकेंगे। लीव इन में रहने के लिए पुलिस के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसकी जानकारी युवक और युवती को अपने परिवार के सदस्यों को भी देनी होगी। विवाह का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर सरकारी योजनाओं औऱ सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है। मुस्लिम समाज की महिलाएं भी गोद ले सकेंगी। गोद लेने की प्रक्रिया को और आसान बनाया जायेगा। नौकरीपेशा पुत्र की मृत्यु हो जाने की स्थिति में सास-ससुर की देखभाल की जिम्मेवारी पत्नी पर होगी। उसे सरकार की ओऱ मुआवजा दिया जायेगा।