द फॉलोअप डेस्क
ग्वालियर में एक ही सर्टिफिकेट पर 2 भाई के सरकारी नौकरी करने का मामला सामने आया है। यहां 43 साल से नगर निगम में एक कर्मचारी अपने भाई के सर्टिफिकेट पर ठाठ से नौकरी कर रहा था लेकिन रिटायरमेंट से ठीक पहले उसकी पोल खुल गई। युवक का नाम कैलाश कुशवाह है। कैलाश अपने भाई रणेंद्र की मार्कशीट से ग्वालियर नगर निगम के सहायक वर्ग-3 में नौकरी कर रहा था। लेकिन एक शिकायत ने उसकी पोल खोल दी। खास बात यह है कि कैलाश कुशवाह का भाई रणेंद्र भी सरकारी नौकरी में है। कैलाश के खिलाफ यूनिवर्सिटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। कैलाश कुशवाह पर पुलिस ने धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं यह जानकारी सामने आने पर कैलाश को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
विभागीय जांच में खुली पोल
दरअसल, साल 1981 में मुरैना निवासी कैलाश कुशवाह ने अपने भाई रणेंद्र कुशवाह की मार्कशीट का इस्तेमाल कर ग्वालियर नगर निगम में नौकरी हासिल कर ली थी। इसके बाद कैलाश कुशवाह आराम से अपनी नौकरी करते रहे। अंदाजा नहीं था कि नौकरी हासिल करने के लिए कितना बड़ा फर्जीवाड़ा कर दिया है। कैलाश कुशवाह की हकीकत उस वक्त सामने आ गई, जब मुरैना के ही अशोक कुशवाह ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत नगर निगम में की थी। शिकायत मिलने पर नगर निगम ने विभागीय जांच शुरू की।
नौकरी से बर्खास्त
विभागीय जांच में पता चला कि मार्कशीट कैलाश ने नौकरी हासिल करने के लिए अपने भाई की मार्कशीट लगाई थी। जांच में सर्टिफिकेट रणेंद्र कुशवाह के नाम पर थी। यह जानकारी सामने आने पर विभाग में हड़कंप मच गया। कैलाश कुशवाह को अगस्त 2023 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद नगर निगम के ही डिप्टी कमिश्नर अनिल दुबे ने यूनिवर्सिटी थाने में कैलाश कुशवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। कैलाश कुशवाह पर पुलिस ने धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।
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