द फॉलोअप डेस्क
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मैरिटल रेप पर टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि 15 साल से अधिक उम्र की उम्र की पत्नी से अननेचुरल सेक्स को रेप नहीं माना जाएगा। फिर चाहें यह सेक्स पत्नी की सहमति से हो या बगौर सहमति के हो। मतलब यह कि ऐसे में पत्नी की सहमति महत्वहीन हो जाती है। बता दें कि मध्यप्रदेश प्रदेश के जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की बेंच में मामले पर सुनवाई हुई।
एक अपवाद के साथ दी दलील
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की बेंच ने कहा कि एक वैध विवाह के दौरान अगर कोई पत्नी अपने पति के साथ रह रही है, तो पति द्वारा अपनी '15 साल से अधिक की उम्र की पत्नी के साथ की गई ‘किसी भी तरह की यौन गतिविधि बलात्कार नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि अप्राकृतिक सेक्स के लिए 15 साल से अधिक की उम्र की पत्नी का सहमति का कोई महत्व नहीं रह जाता है। कोर्ट ने हालांकि यह भी कहा कि ऐसे मामलों में केवल एक अपवाद IPC की धारा 376-B है, जिसके तहत अगर पति-पत्नी न्यायिक या फिर दूसरे कारणों से अलग रह रहे हैं, तो ऐसी गतिविधियों को बलात्कार माना जाएगा।
इस केस की सुनवाई के दौरान हुई टिप्पणी
कोर्ट ने ये सब टिप्पणियां मनीष साहू नाम के व्यक्ति के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करते हुए कीं। मनीष साहू की पत्नी ने IPC की धारा 377 के तहत उसके खिलाफ अप्राकृतिक सेक्स को अंजाम देने का आरोप लगाया था।भारतीय दंड संहिता की धारा 375 हर तरह के यौन उत्पीड़न को बलात्कार की श्रेणी में रखती है।
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