द फॉलोअप डेस्क
जेईई मेंस परीक्षा में 100 परसेंटाइल लाकर देश में टॉप करने वाले हर्ष झा का स्कूल एसजीएन पब्लिक स्कूल (नांगलोई, दिल्ली) पिछले साल ही सीबीएसई से मान्यता खो चुका था। इस खुलासे के बाद शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। हर्ष के पिता चंदन कुमार झा, जो गुमला डीएवी स्कूल में गणित के शिक्षक हैं, ने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, "हर्ष ने नियमित रूप से स्कूल में पढ़ाई की है और कोचिंग भी की है।"
सीबीएसई ने बताया कि पिछले साल जांच में पाया गया था कि स्कूल में ऐसे बच्चों का एडमिशन हो रहा था, जो स्कूल आते ही नहीं थे। यह नियमों का उल्लंघन था, इसलिए स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई। हालांकि, स्कूल ने टॉप करने वाले छात्रों को संदेश भेजकर यकीन दिलाया है कि इस बार इसका उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इस मामले से नॉन स्कूलिंग का ट्रेंड भी उजागर हुआ है। कई निजी स्कूल सिर्फ नामांकन लेते हैं, लेकिन छात्र नियमित स्कूल नहीं जाते। वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सिर्फ कोचिंग पर निर्भर रहते हैं और स्कूल साल में केवल फाइनल परीक्षा के लिए जाते हैं। सीबीएसई ने पहले ही साफ कर दिया है कि हर छात्र को 75% उपस्थिति पूरी करनी होगी। ऐसा न करने पर छात्र बोर्ड परीक्षा में बैठने के योग्य नहीं होंगे।