द फॉलोअप डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। ऐसे में जहां राज्य के सियासी गलियारों में हलचल बढ़ी है, वहीं राजधानी दिल्ली में भी राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी सिलसिले में राजद नेता तेजस्वी यादव मंगलवार सुबह दिल्ली पहुंचे, जहां वे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात कर रहे हैं।
खड़गे के आवास पर होने वाली इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। इसमें आगामी चुनावों को लेकर सीटों के बंटवारे, गठबंधन की रणनीति और महागठबंधन के चुनावी एजेंडे पर खुलकर चर्चा होने की संभावना है।
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस मुलाकात को 'गंभीर और औपचारिक' करार देते हुए कहा कि कांग्रेस और राजद के बीच पुराना और भरोसेमंद रिश्ता है। उनका मानना है कि यह बैठक आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए निर्णायक साबित हो सकती है।
बैठक के दौरान बिहार की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति और चुनावी चुनौतियों का मूल्यांकन किया जाएगा। चूंकि चुनाव अब महज छह से आठ महीने दूर हैं, ऐसे में यह बातचीत गठबंधन के लिए दिशा तय करने वाली हो सकती है।
कांग्रेस 70 सीटों पर दिखा सकती है दम
कांग्रेस ने अपने बिहार इकाई को 243 सीटों पर तैयारी के निर्देश पहले ही दे दिए हैं। हालांकि सूत्रों की मानें तो पार्टी इस बार भी लगभग 70 सीटों पर अपनी दावेदारी रख सकती है। वहीं, राजद करीब 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पिछली बार भी कुछ इसी तरह का फॉर्मूला अपनाया गया था।
एनडीए बनाम महागठबंधन : इस बार मुकाबला टक्कर का
बिहार में इस बार का चुनाव बेहद रोचक होने वाला है। एनडीए की ओर से भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और रालोसपा जैसे दल मैदान में होंगे, जबकि महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल मिलकर ताकत दिखाएंगे। यह चुनाव न सिर्फ गठबंधन की एकजुटता का इम्तिहान होगा, बल्कि राज्य के सामाजिक समीकरण और नेतृत्व की परख भी करेगा।