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महाराष्ट्र की सियासत : विधानसभा में कल होगा फ्लोर टेस्ट, सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला

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डेस्क: 

महाराष्ट्र विधानसभा में कल यानी गुरुवार को फ्लोर टेस्ट होगा। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार की शाम तकरीबन 3 घंटे 10 मिनट तक लंबी बहस चली। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फ्लोर टेस्ट का फैसला सुनाया। वहीं, शिवसेना ने फ्लोर टेस्ट के खिलाफ, वहीं एकनाथ शिंदे गुट और राज्यपाल के वकील ने फ्लोर टेस्ट के पक्ष में दलीलें पेश कीं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बीते 22 जून से जिस सियासी हलचल की शुरुआत हुई थी, उसका क्लाईमेक्स आना बाकी है। क्या वो तारीख 30 जून होगी। 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया फ्लोर टेस्ट का आदेश
दरअसल, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 30 जून की शाम को पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। शिवसेना इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी। इधर सूचना मिल रही है कि गुवाहाटी में बीते कई  दिनों से ठहरे हुए बागी विधायक गोवा के लिए निकल गये हैं। फ्लोर टेस्ट में ये विधायक शामिल हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा वहीं शिंदे गुट की तरफ से अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने पैरवी की। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश कीं। 

एकनाथ शिंदे के समर्थन में एमएलए की बगावत
शिवसेना की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने फ्लोर टेस्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि 16 बागी विधायकों को 21 जून को ही अयोग्य घोषित किया जा चुका है। ऐसे में उनके वोट से बहुमत का फैसला नहीं हो सकता। सिंघवी ने मांग की थी कि बहुमत का फैसला स्पीकर को करने दें या फिर फ्लोर टेस्ट टाल दें। वहीं अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार है ही नहीं।

उद्धव की पार्टी अल्पमत में आ चुकी है। फ्लोर टेस्ट कराना ही बेहतर विकल्प होगा। गौरतलब है कि शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायकों ने मंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थन में बगावत कर दी थी। ये विधायक पहले सूरत पहुंचे और वहां से गुवाहाटी गये। इस दौरान दोनों ही खेमों से जमकर बयानबाजियां हुईँ। हालांकि, पलड़ा किसका भारी है, ये कल का फ्लोर टेस्ट तय करेगा।