द फॉलोअप डेस्क
नोएडा के रैन बसेरा में एक दिहाड़ी मजदूर मिला है। मजदूर ने MBA की पढ़ाई की है। इतना ही नहीं स्विट्जरलैंड में जाकर ट्रेनिंग की है। इसके बाद लाखों की नौकरी भी की लेकिन अब रैन बसेरा में रहने पर मजबूर है।रैन बसेरे में रह रहे इस व्यक्ति का नाम अभिषेक है। वह पिछले डेढ़ साल से दिहाड़ी मजदूर का काम कर रहा है। जब अभिषेक से रैन बसेरा में रहने की मजबूरी पूछी गई तो उसने बताया कि आर्थिक तंगी और पारिवारिक हालातों के कारण वो रैन बसेरे में रहने को मजबूर है।
स्विट्जरलैंड और तुर्की में ली ट्रेनिंग
दिहाड़ी मजदूर अभिषेक ने रोते हुए अपनी कहानी बताया और कहा कि इतना पढ़ा-लिखा, इतनी मेहनत से MBA किया। स्विट्जरलैंड और तुर्की में ट्रेनिंग की। जिसके बाद इंडिया मार्ट से लेकर ल्यूमिनश जैसी बड़ी कंपनियों में काम किया लेकिन फिर नशे की आदत पड़ गई। जिसके बाद नौकरी छूट गई। पीने के चक्कर में शादी भी नहीं हुई। नौकरी गई तो परिवार ने भी बात करना बंद कर दिया। शराब के चक्कर में मेरी जिंदगी खराब हो गई। अब ऐसी हालत है कि उन्हें दिहाड़ी मजदूरी का काम करना पड़ रहा है।
दिन में 500 रुपए तक कमा लेते
अभिषेक ने बताया कि वो दिन में 500 रुपए तक कमा लेते हैं। ढ़ाई से तीन सौ रूपए तो शराब पीने में ही निकल जाते हैं। बाकी का खाना-वाना खा लेते हैं। ये सिलसिला ढ़ाई साल से चल रहा है। ठंड के मौसम में यहां रह लेते हैं। गर्मी आते ही कमरा ले लेते हैं लेकिन जब पैसा खत्म हो जाता है तो कमरा भी छूट जाता है। उसके बाद कही भी रह लेते हैं। अभिषेक ने कहा कि मेरा पास न तो अच्छा कपड़ा है और न ही मोबाइल फोन है।
पता नहीं परिवार माफ करेगा या नहीं
अभिषेक ने कहा कि मैं सुधरना चाहता हूं। पीने की आदत भी छोड़ना चाहता हूं। पता नहीं मेरा परिवार मुझे माफ करेगा या नहीं और मुझे वापस बुलाएगा या नहीं। उसने बताया कि उसके काफी अच्छे दोस्त भी हैं। लेकिन ऐसा कोई बचा नहीं है जिससे उन्होंने उधार नहीं लिया हो। सबने उनकी मदद की है। उन्होंने कहा कि सबकी मदद करने की एक लिमिट होती है। शराब की आदत की वजह से सबने साथ छोड़ दिया।
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