द फॉलोअप डेस्क
यूपी (UP) के बदायूं से एक हृदयविदारक मामला सामने आया है। यहां मां के गम में बेटे ने भी दम तोड़ दिया। मृतका का नाम कमलेश है। सुबह मां नहीं उठी तो कुलदीप ने मां को उठाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं उठी। मां के गम में दोनों बेटे बेसुध थे और सुबह तक़रीबन 7 बजे दीपक ने मां के शव के पास रोते-रोते दम तोड़ दिया। घर से एक साथ दो अर्थियां उठने पर कोहराम मच गया। घर के बाद ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। मिली जानकारी के अनुसार मां और बेटे दोनों लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वहीं दीपक के पिता ने अंतिम संस्कार से अपने हाथ खींच लिए हैं।
एक साल से बिस्तर पर थी कमलेश
पूरा मामला बदायूं के उझानी कस्बे का था। जहां 65 वर्षीय कमलेश का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। कमलेश के पति का नाम पुरषोत्तम उर्फ़ भूरे है। कमलेश और भूरे के दो लड़के है। दीपक और कुलदीप उनका नाम है। दोनों भाई बीमार रहते हैं। जिस कारण भूरे अपने परिवार के साथ नहीं रहता है। कमलेश ही अपने बेटों का घ्यान रखती थी। एक साल पहले कमलेश का उसके पति से किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। झगड़े में भूरे ने कमलेश को धक्का दे दिया और कमलेश जमीन पर जा गिरी, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। इस कारण वह एक साल से बेड पर थी। वहीं बेटे दीपक की तबीयत खराब थी। उसे पीलिया हुआ था और कुलदीप दिव्यांग है।
मां के शव पर बेटे ने तोड़ा दम
दोनों बेटों के लिए सहारा केवल मां ही थी। अब वह भी इस बेरहम दुनिया में दीपक और कुलदीप को अकेला छोड़कर चली गई थी। मां के शव पर दोनों बेटे यहीं कह रो रहे थे कि मां उठ, तेरे बाद हमारा कौन ख्याल रखेंगा। इसी बीच दीपक शांत हो गया। लोगों को लगा वह बेसुध हो गया है। पानी मारा लेकिन दीपक नहीं उठा। कुलदीप ने बड़े भाई को काफी पुकारा लेकिन भाई ने उसकी एक न सुनी। सुनता भी कैसे वह दुनिया छोड़ चुका था। गांव के लिए व्यक्ति ने भाग कर भूरे को सारी बात बताई लेकिन उसने आने से साफ इंकार कर दिया।
3 साल पहले भी कमलेश के पिता ने यही किया था
मामले में उझानी नगरपालिका के वार्ड 13 के सदस्य आकाश शर्मा ने बताया कि ऐसा ही पुरषोत्तम ने 3 साल पहले अपने बड़े बेटे विष्णु के देहांत के समय किया था। पति-पत्नी में मनमुटाव इतना अधिक था कि भूरे ने विष्णु का शव अपने घर के अंदर भी नहीं रखने दिया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद विष्णु का शव भूरे ने घर में में तो लिया लेकिन उसे हाथ तक नहीं लगाया कल जब मां-बेटे के शव घर में पड़े थे तब भी पुरषोत्तम घर से गायब था. अंतिम संस्कार न करना पड़े, इसीलिए वो घर के अंदर भी नहीं घुसा. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद वह घर आया लेकिन अंतिम संस्कार करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भूरे के भाई राकेश को जानकारी दी। राकेश दिल्ली में रहता है। जानकारी पाकर वह यूपी आया जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार हो पाया।
हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://chat.whatsapp.com/FUOBMq3TVcGIFiAqwM4C9N\