logo

अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए SEBI को SC ने 3 महीने का और समय दिया

adani.jpeg

द फॉलोअप डेस्क 

अडानी-हिंडनबर्ग (Adani-Hindenburg) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को जांच के लिए और तीन महीने का और समय दिया है। बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। बता दें कि SEBI इस मामले में दो गड़बड़यों की जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में अडानी ग्रुप की ओऱ से की गयी गड़बड़ियों की जांच के लिए याचिका दाखिल की गयी है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अड़ानी पर वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लगाये गये हैं। गत वर्ष इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद अडानी के शेयरों में गिरावट आयी थी। साथ ही इसे सियासी हलकों में भी बहस का मुद्दा बनाया गया था। अडानी की केंद्र सरकार के साथ नजदीकियों की चर्चा उसी समय से हो रही है। 

क्या लगे हैं अडानी कंपनी पर आरोप 

हिंडनबर्ग रिसर्च एजेंसी ने दावा किया है कि अडानी ने बैलेंस शीट में गड़बड़ी कर कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ा दी। एक तरह से कंपनी ने ऐसी सूचनाएं जारी कि जिससे उसके शेयरों की कीमत में आशातीत रूप से उछाल आया। हालांकि रिसर्च रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद शेयरों की कीमत में कमी भी उनती ही तेजी से आयी। रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक ये पूरा लगबभ 100 बिलियन डॉलर का है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामले की जांच के लिए याचिका दाखिल की गयी। जांच के लिए SEBI को आदेश दिया गया। लेकिन बाद में SEBI पर ही सवाल उठने लगे। आरोप लगा कि SEBI बजाये मामले की जांच के अडानी को ही बचाने की दिशा में काम कर रही है। इसका कारण अडानी की सत्ता से नजदीकियां बताई गयीं। 


SEBI के घिरने के बाद क्या हुआ 

जांच के क्रम में SEBI पर आरोप लगा कि एजेंसी ने अडानी ग्रुप को वित्तीय अनियमितता और शेयरो की कीमत बढ़ाने के मामले में जांच की दिशा बदल दी। मीडिया में इसकी रिपोर्ट आने के बाद मामले की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किया गया। इस कमेटी की अध्यक्षता एक रिटायर्ट जज को सौंपी गयी। हालांकि बाद में कमेटी ने रिपोर्ट दी कि SEBI की जांच में कोई गड़बड़ी नहीं की गयी है। बहरहाल कोर्ट ने केंद्र और SEBI को ये आदेश भी दिया है कि वो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की भी जांच करें। इससे ये पता चल सकेगा कि रिपोर्ट से कानून का उल्लंघन तो नहीं हुआ है।