द फॉलोअप डेस्क
आज से संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गई। इसका आगाज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से हुआ। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कृषि क्षेत्र में सुधार और आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया। इस दौरान उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों पर जोर दिया। साथ ही इस मुद्दे को सरकार की प्राथमिकता बताया। हालांकि, विपक्षी पार्टी कांग्रेस को उनका यह संदेश पसंद नहीं आया।कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के संबोधन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति अंत तक "बहुत थकी हुई" नजर आ रही थीं। सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि वह मुश्किल से बोल पा रही थीं। उनके लिए यह भाषण "कष्टकारी" था। वहीं, उनके बेटे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को "बोरिंग" करार दिया। राहुल ने कहा कि इसमें कुछ नया नहीं था। उनके अनुसार, यह भाषण अत्यधिक उबाऊ था। इससे संसद में राजनीतिक हलकों में तकरार और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।जानकारी हो कि राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने भाषण में कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के सरकार के प्रयासों का विस्तार से उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद हुए विकास पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण माहौल बना और वहां के लोकसभा व विधानसभा चुनाव भी पूरी तरह से शांति से संपन्न हुए।
राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों से उनके बीच की दूरियों को समाप्त करने के लिए कई पहल की हैं। इसमें 10 से अधिक शांति समझौतों का समावेश है। मुर्मू ने यह भी कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र के लोगों की भावनाओं को समझा और उनके विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने विशेष रूप से पूर्वोत्तर के 8 राज्यों की संभावनाओं को उजागर करने के लिए पहले अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन किया, ताकि पूरे देश को इस क्षेत्र की अहमियत का एहसास हो सके।