रांची
शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों में भर्ती के लिए होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर केंद्र सरकार ने पेपर लीक के खिलाफ नया कानून लागू कर दिया है। इसे एंटी पेपर लीक कानून (Anti Paper Leak Law) नाम दिया गया है। इसके दायरे में सभी प्रतियोगी परीक्षाएं शामिल हैं, जिनका आयोजन सार्वजनिक परीक्षा निकाय करते हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं भी इसमें शामिल हैं। कानून के दायरे में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाने वालीं सभी कंप्यूटर आधारित परीक्षाएओं के अलावा यूपीएससी (UPSC), एसएससी (SSC), रेलवे भर्ती, बैंकिंग भर्ती जैसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं शामिल हैं।
फरवरी में पेपर लीक कानून पारित हुआ
बता दें कि इसी साल फरवरी में पेपर लीक कानून पारित हुआ था और अब सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है, जिसे 'लोक परीक्षा कानून 2024' (Public Examination Act 2024) नाम दिया गया है। एंटी पेपर लीक कानून यानी सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 के तहत पेपर लीक के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। तो चलिए आपको बताते हैं कि एंटी पेपर लीक कानून (Anti Paper Leak Law) क्या है और इसमें क्या-क्या प्रावधान हैं।
एंटी पेपर लीक कानून में क्या-क्या प्रावधान?
एंटी पेपर लीक कानून (Anti Paper Leak Law) में पेपर लीक से लेकर डमी कैंडिडेट बिठाने को लेकर भी सजा का प्रावधान है। कानून के मुताबिक, पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने के बाद व्यक्ति को 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा दूसरे कैंडिडेट के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में दोषी पाए जाने पर अपराधी को 3 से 5 साल की जेल होगी और 10 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा। अगर परीक्षा में गड़बड़ी मामले में किसी संस्थान का नाम सामने आता है तो उस संस्थान से परीक्षा का पूरा खर्चा वसूला जाएगा। वहीं, संस्थान की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है। सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना में भारतीय न्याय संहिता का उल्लेख है लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है कि भारतीय दंड संहिता के प्रावधान इसके लागू होने तक प्रभावी रहेंगे। संहिता और अन्य आपराधिक कानून 1 जुलाई को लागू होने वाले हैं।
परीक्षार्थियों के बारे में होंगे ये नियम
प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थी या उम्मीदवारों को इस कानून के दायरे में शामिल नहीं किया गया है और उन पर कोई कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। बता दें कि संसद में बिल पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इसकी जानकारी दी थी। तब उन्होंने कहा था कि एंटी पेपर लीक कानून (Anti Paper Leak Law) का मकसद सभी सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता लाना और धांधली करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को रोकना है। इसलिए, परीक्षार्थियों या उम्मीदवारों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।