द फॉलोअप डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया है जिसमें कहा गया था कि किसी व्यक्ति के खिलाफ सिर्फ आपराधिक मामला दर्ज होने के आधार पर उसे सरकारी नौकरी देने से इनकार नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस पीएम नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे, ने केरल सरकार की अपील को खारिज कर दिया। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई थी। अब बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट ने मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सही फैसला दिया था। इसलिए इसमें दखल देने की कोई जरूरत नहीं है।
सितंबर 2023 में केरल हाई कोर्ट ने कहा था कि किसी उम्मीदवार के चरित्र और रिकॉर्ड की जांच के दौरान सिर्फ एफआईआर या आरोपों के आधार पर उसे अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन हाई कोर्ट ने यह भी स्प्ष्ट किया था कि अगर किसी को आपराधिक मामले में बरी किया गया है, तो उसे स्वत: नौकरी का अधिकार नहीं मिल जाता। केरल प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने राज्य सरकार से कहा था कि एक व्यक्ति, जिसे उसकी अलग रह रही पत्नी के केस में बरी किया गया था, को इंडिया रिजर्व बटालियन में शामिल करने की अनुमति दी जाए। हाई कोर्ट ने इस आदेश को सही ठहराया था। इसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जो अब खारिज कर दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने सतीश चंद्र यादव बनाम केंद्र सरकार मामले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि सिर्फ किसी के खिलाफ केस दर्ज होना या बरी होना उसकी नौकरी पर असर नहीं डाल सकता। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को यह अधिकार दिया है कि वह उम्मीदवार से जरूरी सवाल पूछ सकती है।