द फॉलोअप नेशनल डेस्क
आने वाले दिनों में केरल को 'केरलम' नाम से पुकारा जायेगा। विधानसभा में राज्य का नाम बदलने को लेकर प्रस्ताव पारित हो गया है। इसके बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जायेगा। केंद्र से मंजूरी मिलते ही अधिकारिक तौर पर केरल के बदले 'केरलम' नाम से राज्य को जाना जायेगा। बता दें कि नाम बदलने का प्रस्ताव विधानसभा में पहले भी पारित किया जा चुका है। एक साल पहले भी ऐसा प्रस्ताव पास कर केंद्र के पास भेजा गया था। केंद्र से राज्य का नाम 'केरल' से बदलकर 'केरलम' करने के लिए संवैधानिक संशोधन का आग्रह किया गया था। विधानसभा ने सोमवार को मामूली सुधारों के साथ फिर के साथ इस प्रस्ताव को फिर से पारित किया है।
सीएम ने पेश किया प्रस्ताव
इस बाबत केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि संविधान की पहली अनुसूची में राज्य का नाम बदलने का प्रावधान है। इसी के तहत आधिकारिक रूप से राज्य का नाम 'केरलम' करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है। आग्रह किया है कि संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत आवश्यक कदम उठाए जाएं। विधायक एन शमसुदीन ने प्रस्ताव में संशोधन पेश किया। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में स्पष्टता लाने के लिए शब्दों में बदलाव किया जाना चाहिए। हालांकि सदन ने इस संशोधन को अस्वीकार कर दिया गया।
नाम बदलने के पीछे क्या है दलील
केरल के सियासी गलियारों में चर्चा है कि केरल का नाम बदलने की कोशिश के पीछे भाषा के आधार पर की जाने वाली राजनीति है। दरअसल केरल को हिंदी, अंग्रेजी समेत कई भाषाओं में केरल ही कहा जाता है। वहीं, देश-विदेश में भी लोग राज्य को इसी नाम से पुकारते हैं। दूसरी ओर प्रस्ताव में सीएम पिनाराई ने दलील दी है कि मलयालम में केरल को ‘केरलम’ कहा जाता है। इसलिए राज्य का नाम बदल देना चाहिये।