द फॉलोअप नेशनल डेस्क
नागालैंड के 6 जिलों में एक भी मतदाता वोट डालने मतदान केंद्र तक नहीं पहुंचा है। मीडिया में आ रही खबरों में कहा गया है कि पूर्वाहन देर तक एक भी मतदाता वोट डालने घर से नहीं निकला। दरअसल इन जिलों में रहने वाली नगा जनजातियां अलग राज्य की मांग कर रही हैं। इन जिलों में 7 नगा जनजातियां रहती हैं। ये हैं, चांग, कोन्याक, संगतम, फोम, यिमखिउंग, खियामनिउंगन और तिखि। इनको नागालैंड की सुमी जनजाति के एक समूह का भी समर्थन प्राप्त है। इनके संगठन ईएनपीओ ने 18 मार्च से ही नागालैंड बंद का आह्वान कर रखा है। इसी का प्रभाव है कि यहां मतदान का प्रतिशत शून्य है।
क्या कहा अधिकारियों ने
वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इन 6 जिलों में हालात शांतिपूर्ण हैं। लेकिन जिला प्रशासन और अन्य आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों और वाहनों को छोड़कर सड़कों पर किसी भी व्यक्ति या वाहन की आवाजाही नहीं के बराबर है। इस बाबत नागालैंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आवा लोरिंग ने प्रेस को बताया है कि राज्य के 6 जिलों के 738 मतदान केंद्रों पर निर्वाचन अधिकारी तैनात किये गये हैं। हालांकि वोटिंग के लिए चुनाव के प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं की गयी है।
2010 से हो रही है अलग राज्य की मांग
गौरतलब है कि ईएनपीओ साल 2010 से एक अलग राज्य के आंदोलन कर रहा है। संगठन की शिकायत है कि इन 6 जिलों की वर्षों से अनदेखी की जा रही है। नागालैंड के कुल 13.25 लाख मतदाताओं में से लगभग 4 लाख मतदाता इसी इलाके से आते हैं। संगठन का कहना है कि पूर्वी नगालैंड के 6 जिलों की उपेक्षा दशकों से हो रही है। दूसरी ओऱ नागालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी व्यासन आर ने चुनाव के दौरान बंद की घोषणा करने के लिए ईएनपीओ के पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
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