द फॉलोअप डेस्कः
दिल्ली का सबसे पॉश इलाका ग्रेटर कैलाश के मेडिकल सेंटर में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ा हो रहा है। यहां मरीज आते थे गॉल ब्लैडर का सफल ऑपरेशन करवाने, लेकिन उनकी जान चली जाती थी। आखिरकार कई मौतों के बाद इस फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ। इस मेडिकल सेंटर के मालिक, उसकी पत्नी, एक MBBS डॉक्टर के साथ चार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में इस मेडिकल सेंटर के मालिक डॉक्टर नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल, डॉक्टर जसप्रीत और ओटी टेक्निशियन महेंद्र के रूप में हुई है। इनमें नीरज और जसप्रीत MBBS (MS) सर्जन डॉक्टर है। पूजा असिस्टेंट के रूप में काम करती थी और महेंद्र ओटी टेक्नीशियन है। यहां अक्टूबर महीने में सर्जरी के बाद 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। नीरज और जसप्रीत खुद तो MBBS डॉक्टर हैं। लेकिन पूजा और महेंद्र फर्जी डॉक्टर बनकर लोगों का ऑपरेशन कर रहे थे। डॉक्टर नीरज ऑपरेशन में अपनी पत्नी पूजा से मदद लेता था, जिसके पास डॉक्टरी की कोई डिग्री भी नहीं है। वहीं, झोलाछाप महेंद्र भी इसी नर्सिंग होम में गॉल ब्लैडर के मरीजों का ऑपरेशन करता था।
कई शिकायत मिली थी मेडिकल सेंटर की
पुलिस ने हेल्थ सेंटर से काफी मात्रा में प्रतिबंधित मेडिसिन, एक्सपायरी सर्जिकल ब्लेड, अलग-अलग पेशेंट के प्रिसक्रिप्शन, अलग-अलग बैंक के 47 चेक बुक, 56 एटीएम कार्ड अलग-अलग बैंक के और अलग-अलग बैंक के पासबुक और 6 क्रेडिट कार्ड मशीन बरामद किए गए हैं। बता दें कि इस मेडिकल सेंटर जहां इलाज के लिए आए कई मरीजों ने एक एक करके अपनी जान गंवा दी. इस सेंटर का हेड डाक्टर नीरज ओटी टेक्निशियन महेंद्र को सीनियर सर्जन बताकर अभी तक बड़ी संख्या में सर्जरी कर चुका है। ग्रेटर कैलाश थाना की पुलिस को इस सेंटर के खिलाफ कई शिकायतें मिली थी। करीब एक सप्ताह पहले हुई एक मरीज की मौत के बाद मेडिकल सेंटर में परिजनों ने हंगामा किया था, जिसके बाद पूरा मामला सामने आया है। उस हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंचे। हंगामा कर रहे लोगों ने बताया था। अपने मरीज को यहां भर्ती किया था, लेकिन उसकी सर्जरी की गई, जिसमें उसकी मौत हो गई।
प्रसव के बाद की गई थी सर्जरी
मृतक परिजनों की शिकायत पर मामले की जांच शुरू हुई। जांच में पता चला की इस मेडिकल सेंटर के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें आ चुकी है। हर शिकायत में मरने वाले मरीज की सर्जरी की गई थी। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा, जांच के बाद पुलिस ने मेडिकल सेंटर के संचालक डॉ. नीरज अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, डॉ. जसप्रीत और महेंद्र को पकड़ लिया। 2022 में भी एक महिला की मौत सर्जरी के बाद हो गई थी, जिसे प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। परिजनों ने पुलिस को बताया कि महिला का प्रसव बिना सर्जरी के हो गया था, लेकिन डॉक्टर ने प्रसव के बाद उसकी सर्जरी की जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने उस मामले की जांच के बाद अब इस मामले में कार्रवाई की है।
रिसेप्शनिस्ट थी पत्नी
बता दें कि अग्रवाल मेडिकल सेंटर डॉक्टर नीरज अग्रवाल का था। नीरज अग्रवाल पहले सफदरजंग अस्पताल में नौकरी कर चुका था। कुछ साल काम करने के बाद उसने यह मेडिकल सेंटर खोला, जिसमें उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल एक रिसेप्शनिस्ट और नर्सिंग स्टाफ के तर्ज पर काम कर रही थी। इस अस्पताल में ऑपरेशन टेक्नीशियन के तौर पर महेंद्र भी काम करता था। इन तीनों ने इस अस्पताल में डॉक्टर जसप्रीत थी, जोकि एक सर्जन है. उनका लेटर हेड रखा था. मरीज जब यहां आता था, उसको सर्जरी जब किया जाता था तो प्रिस्क्रिप्शन डॉक्टर जसप्रीत के नाम से बनती थी, जबकि ऑपरेशन टेक्नीशियन महेंद्र करता था. शायद यही कारण था की टेक्नीशियन द्वारा किए गए ऑपरेशन के कारण इतनी मौतें हुई है।
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