द फॉलोअप डेस्क
प बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने एलान कर दिया है कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। एकला चलो के उनके इस फैसले से सवाल उठने लगा है कि इंडिया गठनबंधन का अस्तित्व अब रहेगा या ये टूट जायेगा। ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने की बात कहते हुए प्रेस के सामने अपना दुख भी शेयर किया। ममता ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत राहुल गांधी बंगाल पहुंचने वाले हैं। लेकिन इस बात उनको औपचारिकता या शिष्टाचारवश भी जानकारी नहीं दी गयी। ममता का ये बयान दो दिन पुराना है। लेकिन इसके बाद भी राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने इतना जरूर कहा कि बंगाल में उनकी मुलाकात ममता बनर्जी और नीतीश कुमार से भी होगी।
क्या है ममता की नाराजगी का मूल कारण
ममता बनर्जी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इंड़िया गठबंधन के लिए उन्होंने जो रास्ते सुझाये, उनमें से एक को भी नहीं माना गया। सीटों के बंटवारे पर कहा कि कांग्रेस 300 सीटों पर चुनाव ल़ड़े। बाकी की सीटों पर क्षेत्रीय दल बीजेपी को चुनौती देने का काम करें। लेकिन उनके इस सुझाव को नहीं माना गया। बल्कि इसपर कोई बात ही नहीं हुई। वहीं, ममता ने कांग्रेस की अगुवाई में चुनाव लड़ने पर भी सवाल उठाये। लेकिन इस बाबत उन्होंने कुछ भी साफ तौर पर कहने से इनकार कर दिया।
कांग्रेस को कही थी 2 सीटें देने की बात
राजनीतिक जानकारों की मानें तो कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तल्खियां उसी समय से बढ़ने लगी थीं, जब ममता ने प बंगाल में कांग्रेस को 2 लोकसभा सीटें देने की बात कही थी। बता दें कि मौजूद समय में भी प बंगाल में कांग्रेस के 2 ही सांसद हैं। इस पर बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। चौधरी ने कहा था कि बंगाल में 2 सीटें जीतने के लिए हमें किसी से गठबंधन करने की जरूरत नहीं है। न ही कांग्रेस को ममता से भीख चाहिये। इसी समय से कांग्रेस और ममता के बीच दूरियां बढ़ रही हैं।