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भारत से माफी मांगेगा मालदीव, संसद में आया प्रस्ताव

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द फॉलोअप डेस्कः 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी ने सरकार को चारों ओर से घेर लिया है। मालदीव की संसद में भारत से माफी के लिए प्रस्ताव दिया गया है। मालदीव के सांसद मिकाइल अहमद नसीम ने ये प्रस्ताव दिया है। उन्होंने संसद के अध्यक्ष मोहम्मद असलम से मांग की है कि विदेश मंत्री मूसा जमीर को तलब किया जाए। इसके अलावा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करने वाले तीनों उप- मंत्रियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए।


 

विशेष सत्र बुलाने की मांग 
मालदीव में विपक्ष के सांसद मिकाइल अहमद नसीम गालोल्हु सांसद हैं। उन्होंने बताया कि भारत से राजनयिक विवाद को लेकर सोमवार को ये प्रस्ताव उन्होंने दिया था। संसद की अगली कार्यवाही फरवरी में होनी है। लेकिन उन्होंने मामले संसद के विशेष सत्र की मांग की है। मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता फैय्याज इस्माइल ने कहा है कि सरकार को भारत से रिश्ते बेहतर करने के लिए मजबूत बयान जारी करना होगा। उन्होंने कहा, सरकार में ऐसे लोगों को जिम्मेदारी दे दी गई जिन्होंने रिश्ते खराब करने का काम किया है। विपक्ष के सांसद ने कहा है कि "मैंने स्पीकर से अनुरोध किया है कि वे विदेश मंत्री को संसद में तलब करें। जहां हम उनसे पूछ सकें कि इस पूरे मामले पर सरकार ने अभी तक औपचारिक माफी क्यों नहीं मांगी है। दूसरा अभी तक उन डिप्टी मंत्रियों को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया है, जो इस पूरे मामले में शामिल थे। हम संसद में विदेश मंत्री से ये सवाल पूछेंगे। मैंने साथ ही उन तीनों मंत्रियों को भी संसद की विदेश मामलों की समिति के समक्ष बुलाने का अनुरोध किया है। मुझे लगता है कि दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि सरकार की ओर से इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। हम, मालदीव के लोग एक अधिक स्पष्ट जवाब चाहते हैं कि आखिर सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए क्या करेगी."


कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
दरअसल PM मोदी ने अपने लक्ष्यद्वीप दौरे के अनुभव को एक्स पर साझा किया था। जिसमें पीएम ने लिखा था,  ‘‘जो लोग रोमांचकारी अनुभव लेना चाहते हैं, लक्षद्वीप उनकी सूची में जरूर होना चाहिए. मैंने स्नॉर्कलिंग की भी कोशिश की. यह कितना उत्साहजनक अनुभव था!''पीएम मोदी का ये पोस्ट काफी वायरल हुआ था और कई सोशल मीडिया यूजर्स ने लक्षद्वीप को मालदीव का वैकल्पिक पर्यटन स्थल कहा था। जिसके बाद से मालदीव सरकार के नेताओं की ओर से आपत्तिजनक टिप्पणियां आ रही थी। मंत्री के बयान पर भारत में इसका कड़ा विरोध देखने को मिला था. कई फिल्म स्टार और क्रिकेटरों ने ट्वीट कर बयान की निंदा की थी।