द फॉलोअप नेशनल डेस्क:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अयोध्या में एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। गौरतलब है कि अयोध्या में रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का पुनर्निर्माण किया गया है। रेलवे स्टेशन अब अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट, महर्षि वाल्मिकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से जाना जाएगा। पीएम ने बताया कि अयोध्या में शनिवार को 15,000 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है। पीएम ने कहा कि अयोध्या में बुनियादी ढांचे के विकास से विकसित भारत की नई दिशा तय होगी। यहां से विकसित भारत योजना को नई गति मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का उद्घाटन किया
मैं भारत के जन-जन और कण-कण का पुजारी हूं। अयोध्या में उत्साह दिखा। ऐसा लगा कि पूरी अयोध्या नगरी सड़क पर उतर आई है। देश के इतिहास में 30 दिसंबर की तारीख बहुत ऐतिहासिक रही है। 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इंडमान में झंडा फहराकर भारत की आजादी का जयघोष किया था। इसी पावन दिवस पर हम आजादी के अमृतकाल के संकल्प को आगे बढ़ा रहा है। कोरोना जैसी महामारी में भी अयोध्यावासियों के अथक प्रयास का यह परिणाम है। दुनिया में कोई भी देश हो, उसे विकास की नई ऊंचाई तक पहुंचना है तो उसे अपनी विरासत को संभालना ही होगा। हमारी विरासत हमें प्रेरणा देती है, सही मार्ग दिखाती है, इसलिए आज का भारत पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा है। एक समय था जब यही अयोध्या में रामलला टेंट में विराजमान थे, आज पक्का घर केवल रामललाल को ही नहीं बल्कि 4 करोड़ गरीबों को भी मिला है।
पुरातन और नूतन का समावेश कर आगे बढ़ रहा भारत
पीएम ने कहा कि आज भारत तीर्थों को संवार रहा है वहीं डिजिटल और टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी देश छाया है। आज भारत काशी विश्वनाथ पुनर्निमाण के साथ 30 हजार पंचायत भवन बना रहा है। केवल केदारनाथ का पुनरुद्धार ही नहीं हुआ बल्कि 315 नए मेडिकल कॉलेज बने। जल जीवन मिशन के तहत 2 लाख से ज्यादा टंकियां बनाई गई है। हम चांद, सूरज और समुद्र की गहराई भी नांप रहे हैं वहीं पैराणिक मूर्तियों को वापस लाया जा रहा है। आज के भारत का मिजाज अयोध्या में स्पष्ट दिखता है। प्रगति और परंपरा का उत्सव होगा। यहां विकास की भव्यता दिख रही है तो कुछ दिनों में विरासत की भव्यता दिखेगी। विकास और विरासत की यही साझा ताकत भारत को 21वीं सदी में सबसे आगे ले जाएगी।
प्राचीन काल में अयोध्या नगरी कैसी थी, इसका वर्णन खुद महर्षि वाल्मिकी ने विस्तार से किया है। उन्होंने लिखा है कि महान अयोध्या पुरी धन धान्य से परिपूर्ण थी।
समृद्धि के शिखर थी और आनंद से भरी हुई थी। अयोध्या में विज्ञान और वैराग्य तो था ही वैभव भी शिखर पर था। अयोध्या नगरी उसी पुरातन पहचान को आधुनिकता से जोड़कर वापस लाना है।
अयोध्या नगरी विकसित भारत के संकल्प को दिशा देगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या नगरी पूरे यूपी के विकास को दिशा देगी। अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनने के बाद यहां आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होगी। इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार अयोध्या में हजारों करोड़ रुपये में विकास कार्य करा रही है। अयोध्या को स्मार्ट बना रही है। अय़ोध्या में सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है। नए फुटपाथ और फ्लाईओवर बन रहे हैं। पुल बन रहे हैं। अयोध्या को आसपास के जिलों से जोड़ने के लिए यातायात के साधनों को सुधारा जा रहा है। साथियों आज हमें अय़ोध्या एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला। अयोध्या एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मिकी के नाम पर रखा गया है। उन्होंने हमें रामायण के सानिध्य और प्रभु श्रीराम से परिचित कराया। महर्षि वाल्मिकी द्वारा रचित रामायण वो ज्ञानमार्ग है जो प्रभु श्रीराम से जोड़ती है।
महर्षि वाल्मिकी एयरपोर्ट से प्रतिदिन 60 लाख आवाजाही
आधुनिक भारत में महर्षि वाल्मिकी एयरपोर्ट हमें दिव्य राम मंदिर से जोड़ेगा। नया एयरपोर्ट हर साल 10 लाख यात्रियों की सेवा करेगा। जब काम पूरा होगा तो यहां हर साल 60 लाख यात्री आ-जा सकेंगे। अय़ोध्या धाम रेलवे स्टेशन में रोजाना 15 हजार लोग आ सकते हैं। पूरा विकसित होने पर रोज 60 हजार लोग आ-जा सकेंगे। आज यहां अनेक पथों का भी लोकार्पण होगा। रामपथ, धर्म पथ, श्रीरामजन्मभूमि पथ से आवाजाही सुगम होगी। अयोध्या में कार पार्किंग का लोकार्पण किया गया है। मेडिकल कॉलेज में आधुनिक सुविधा का विस्तार होगा। सरयू की निर्मलता बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध है। दूषित पानी को रोकने के लिए काम शुरू हुआ। सरयू के किनारे नए घाटों का निर्माण हुआ है। प्राचीन कुंडों का विकास हो रहा है। अयोध्या में बनने जा रही नई टाउनशिप यहां के लोगों का जीवन आसान बनाएगी।
अयोध्या में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों से अयोध्या में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे। यहां टैक्सीवाले, रिक्शावाले, होटलवाले, प्रसाद वाले, फूले बेचने वाले, पूजा सामग्री बेचने वाले, छोटे दुकानदारों की आय बढ़ेगी। यहां आधुनिक रेलवे के निर्माण की ओर नया कदम उठाया है। वंदेभारत और नवोभारत के बाद आधुनिक ट्रेन अमृत भारत ट्रेन देश को मिली है। इन ट्रेनों की त्रिशक्ति भारतीय रेलवे का कायाकल्प करने जा रही है। पहली अमृत ट्रेन अयोध्या से गुजर रही है। दिल्ली-दरभंगा के बीच यह ट्रेन यूपी, बिहार के लोगों के लिए आसान बनाएगी। रामलला का दर्शन सुगम होगा।
विशेष रूप से गरीब परिवार, श्रमिक साथियों को मदद करेगी। श्रीरामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है, दूसरों से सेवा करने से बड़ा कोई धर्म नहींहै। इससे बड़ा कोई कर्तव्य नहीं है। अमृत भारत ट्रेन गरीबों की सेवा भावना से शुरू की गई है। जो लोग काम के सिलसिले में लंबी दूरी का सफर करते हैं और आय नहीं है लेकिन आरामदायक सफर के हकदार हैं। गरीबों को गरिमापूर्ण जीवन की हक है।
विकास और विरासत को जोड़ने में वंदेभारत की भूमिका
पीएम ने कहा कि विकास और विरासत को जोड़ने में वंदेभारत अहम भूमिका निभा रही है। पहली वंदेभारत काशी चल रही है। 34 रूट पर वंदेभारत ट्रेन चल रही है। आज अयोध्या को भी वंदेभारत ट्रेन का उपहार मिला। अयोध्या धाम जंक्शन, आनंदविहार वंदेभारत शुरू की गई। कटरा से दिल्ली, अमृतसर दिल्ली, मंगलुरू मडगांव, जालगांव-बेंगलुरू वंदेभारत ट्रेन शुरू की गई है। गति और आधुनिकता और आत्मनिर्भर भारत का गर्व भी है। बहुत कम समय में वंदेभारत में 1.5 करोड़ से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं। युवा पीढ़ी को यह ट्रेन पसंद आ रही है। प्राचीन काल से ही तीर्थयात्रा का गौरवशाली इतिहास रहा है। लोग आस्था के धाम से जुड़ते रहे हैं। तमिलनाडु में भी धार्मिक यात्राएं होती है। केरल में सबरीमाला यात्रा
मैं देश के सभी तीर्थ और मंदिरों से आग्रह दोहराऊंगा कि राम मंदिर निर्माण के निमित्त 14 जनवरी से 22 जनवरी तक सभी तीर्थस्थलों पर स्वच्छता का अभियान चलाना चाहिए। प्रभु राम पूरे देश के हैं। प्रभु राम आ रहे हैं तो हमारा कोई भी मंदिर और तीर्थ अस्वच्छ नहीं होना चाहिए।
अब से कुछ देर पहले अय़ोध्या नगरी में एक और सौभाग्य मिला। मुझे जानकर खुशी हुई को उज्जवला योजना की लाभार्थी बहन के घर चाय पीने का मौका मिला। यूपी के बलिया से योजना की शुरुआत हुई थी, तो कल्पना नहीं की थी कि सफलता इतनी होगी। करोड़ों माताओं-बहनों का जीवन बदला। धुएं से मुक्ति मिली। लोगों को गैस कनेक्शन देने का काम 7 दशक पहले शुरू हुआ था लेकिन 2014 तक 55 साल में केवल 14 करोड़ ही कनेक्शन मिला था। हमारी सरकार ने 1 दशक में 18 करोड़ गैस कनेक्शन दिए हैं। 18 करोड़ में 10 करो़ड़ गैस कनेक्शन उज्जवला योजना के तहत दिए गए हैं। गरीबों के सेवा की भवाना है। नीयत साफ हो तो ऐसे ही सफलता मिली है। लोग पूछते हैं कि मोदी की गारंटी क्यों है। मोदी की गारंटी में इतनी ताकत इसलिए है क्योंकि मोदी जो कहता है वह करने के लिए जीवन खपा देता है।