द फॉलोअप डेस्कः
केंद्र सरकार ने स्व. कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur) को भारत रत्न देने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद बिहार में उत्साह का माहौल हो गया है। इसको लेकर बिहार में जमकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई हैं। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के अंदाज बदले-बदले नजर आ रहे हैं। उन्होंने इशारों में ही केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि 'डर ही सही राजनीति को दलित बहुजन सरोकार पर आना ही होगा'। उनका दावा है कि उन्होंने कई बार इसकी मांग केंद्र सरकार से की है। साथ ही उन्होंनें श्री ठाकुर को अपना गुरु बताया है। हालांकि, लालू यादव के बारे यह भी कहा जाता है कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से तो कर्पूरी के साथ अपनी घनिष्ठता का प्रदर्शन किया, लेकिन निजी तौर पर उन्हें 'कपटी ठाकुर' का उपनाम दिया। वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर ने अपनी किताब 'ब्रदर्स बिहारी' में भी इसका जिक्र किया है।
'ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था'
लालू प्रसाद यादव ने एक्स पर लिखा कि 'मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था। हमने सदन से लेकर सड़क तक ये आवाज़ उठायी, लेकिन केंद्र सरकार तब जागी जब सामाजिक सरोकार की मौजूदा बिहार सरकार ने जातिगत गणना करवाई और आरक्षण का दायरा बहुजन हितार्थ बढ़ाया. डर ही सही राजनीति को दलित बहुजन सरोकार पर आना ही होगा।'
जब अपनी जीप देने से लालू ने किया था इनकार
80 के दशक की एक बात बहुत प्रचलित है। उस समय कर्पूरी ठाकुर विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। उन्हें भूख लगी थी और वह घर जाना चाहते थे। उनकी तबीयत भी ठीक नहीं थी। उन्होंने एक पर्ची में लिखकर लालू यादव को संदेश भिजवाया कि वह अपनी जीप थोड़ी देर के लिए दे दें। लालू यादव ने उसी पर्ची पर जवाब लिखकर भिजवा दिया कि जीप में तेल नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि आप दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं एक कार खरीद लीजिए। वहीं कर्पूरी ठाकुर का कहना था कि कार में तेल डलवाने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। बड़ी मुश्किल से इस तनख्वाह में घर की दाल रोटी चल पाती है।
कई राजनीतिक दिग्गजों ने दी प्रतिक्रिया
बता दें कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती शताब्दी की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने जननायक को भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सादगी की मिसाल माने जाने वाले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की अधिसूचना जारी कर दी है. इसके बाद मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित होने के बाद जननायक कर्पूरी ठाकुर की जीवन की चर्चा शुरू हो गई है. कर्पूरी ठाकुर की गिनती ऐसे नेता के रूप में की जाती है, जो मुख्यमंत्री रहते हुए अपने लिए एक मकान नहीं बनवा सके. वहीं, इस मौके पर बिहार के सीएम सहित कई राजनीतिक दिग्गजों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं.