द फॉलोअप डेस्क
लोकसभा स्पीकर पद के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार बढ़ गई है। अब स्पीकर का चयन चुनाव से होगा। मैदान में एनडीए की ओर से ओम बिरला और इंडिया की ओर से के.सुरेश मैदान में हैं। भारतीय लोकतंत्र के 72 वर्षों के इतिहास में यह तीसरी बार होगा जब लोकसभा अध्यक्ष के पद पर चुनाव होगा। पहली बार स्वतंत्र भारत में 1952 में चुनाव हुआ था। इसके बाद साल 1976 में दूसरी बार चुनाव हुआ था।
इससे पहले कब हुआ था चुनाव?
पहली बार स्वतंत्र भारत में 15 मई 1952 में लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव हुआ था। इस चुनाव में सत्ता पक्ष के जीवी मावलंकर उम्मीदवार थे। उनका मुकाबला शंकर शांतराम मोरे से हुआ था। जी.वी. मावलंकर ने इस मुकाबले को जीतकर पहले लोकसभा अध्यक्ष बने और देश के संसदीय तंत्र की मजबूती को दर्शाया। रिपोर्ट्स के अनुसार मावलंकर के पक्ष में 394 वोट, जबकि 55 वोट उनके खिलाफ पड़े थे।
1976 में आपातकाल के दौरान दूसरी बार हुआ चुनाव
इसके बाद 1976 में आपातकाल के दौरान भारतीय राजनीति में एक और चुनाव हुआ। उस वक्त लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए बाली राम भगत और जगन्नाथराव जोशी ने मुकाबला किया। इस चुनाव में बाली राम भगत ने विजय प्राप्त की, जो आपातकाल के भावुक परिस्थितियों में अपने कार्यकाल को संभालते हुए संसदीय नैतिकता की रक्षा करते रहे।इसके बाद आजाद भारत में ये तीसरा मौका है जब पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति ना हो पाने के कारण चुनाव होना तय हो गया है। इसके अलावा अब तक पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति से स्पीकर बनता आया है।
जानें कौन है उम्मीदवार
NDA की ओर से ओम बिरला दोबारा स्पीकर पद के कैंडिडेट हैं। राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला 2019 से 2024 तक स्पीकर रह चुके हैं। ओम बिरला लगातार तीसरी बार जीतकर सांसद पहुंचे हैं। वहीं कोडिकुन्निल सुरेश केरल की मवेलीकरा सीट से जीतकर आए हैं। वह 8 बार के सांसद हैं। के. सुरेश ने 4 बार केरल के मवेलिकारा और 4 बार अदूर से जीतक संसद पहुंचे हैं।