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श्रीहरिकोटा : 750 छात्राओं की मेहनत ने भरी सफल उड़ान, श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ SSLV-D1 पर आई ये मुश्किल...

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डेस्क: 

रविवार (7 अगस्त) को इसरो ने देश का सबसे छोटा रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV-D1) लॉन्च किया है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 1 से इसे लॉन्च किया गया है।  SSLV-D1 में 2 सैटेलाइट्स EOS02 और AzaadiSAT भेजे गए हैं जिसे रॉकेट ने उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंचा दिया है। 

सैटेलाइट्स से टूटा संपर्क
बहरहाल, SSLV-D1 की सफल लॉन्चिंग के बाद सैटेलाइट्स का संपर्क टूट गया है, जिससे डेटा मिलना बंद हो गया है। इसपर, इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ का कहना है कि इसरो मिशन कंट्रोल सेंटर लगातार डेटा लिंक हासिल करने का प्रयास कर रहा है. जैसे ही लिंक स्थापित होगा इसकी जानकारी दे दी जाएगी।

EOS02 सैटेलाइट से होगी रात में निगरानी
SSLV-D1 ने लॉन्चिंग के करीब 13 मिनट बाद सबसे पहले EOS02 को इच्छित कक्षा में स्थापित किया। यह उपग्रह इसरो द्वारा स्थापित किया गया है। इसके बाद रॉकेट ने  AzaadiSAT सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया। फिलहाल दोनों उपग्रहों का इसरो से संपर्क टूट गया है। दोनों सैटेलाइट्स में से  EOS02 एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट हैं  जो करीब 10 महीने के लिए अंतरिक्ष में काम करेगा। इसका वजन 142 किलोग्राम है और इसमें मिड और लॉन्ग वेवलेंथ इंफ्रारेड कैमरा लगा है जिसका रेजोल्यूशन 6 मीटर है यानी यह रॉकेट रात में भी निगरानी कर सकता है।


AzaadiSAT को बनाने में 750 छात्राओं का योगदान 
EOS02 के साथ AzaadiSAT सैटेलाइट भी लॉन्च हुआ है। AzaadiSAT आठ किलोग्राम का क्यूबसैट सेटेलाइट है , जिसे ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ की 750 छात्राओं ने मिलकर बनाया है। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में इस सेटेलाइट को  देश भर के सरकारी स्कूलों की छात्राओं द्वारा डिजाइन किया गया है। AzaadiSAT में 75 अलग-अलग उपकरण हैं। जिनमें प्रत्येक का वजन लगभग 50 ग्राम है।