द फॉलोअप डेस्क
आस्था का महापर्व छठ शुरू हो चुका है और आज दूसरे दिन उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में खरना पूजा की धूम देखी जा रही है। इस पर्व को लेकर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले लोग बेहद उत्साहित नजर आ रहे हैं। सभी जानते हैं कि छठ पर्व में छठ घाट का विशेष महत्व होता है। यही कारण है इस साल बिलासपुर में बना छठ घाट काफी चर्चा में है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के अरपा नदी तट पर बना छठ घाट भारत के सबसे बड़े स्थायी छठ घाटों में से एक माना जा रहा है। इस घाट की लंबाई करीब एक किलोमीटर है। इसे विशेष रूप से छठ पूजा के लिए ही तैयार किया गया है।
सफाई और सुरक्षा का रखा जाएगा ध्यान
हर साल की तरह इस बार भी बिलासपुर छठ घाट पर 50 हजार से ज्यादा छठव्रतियों की पूजा में शामिल होने की संभावना है। इसके साथ ही उनके साथ आने वाले परिजनों की संख्या भी लाखों में अनुमानित की जा रही है। इसे लेकर अरपा नदी तट को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। इस दौरान सुरक्षा और साफ-सफाई का भी ध्यान रखा गया है। इसे लेकर घाट में CCTV कैमरे से निगरानी की जाएगी। साथ ही घाट पर सफाई व्यवस्था, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। बता दें कि इस स्थायी छठ घाट का निर्माण जिला प्रशासन और भोजपुरी समाज ने मिलकर किया है। जानकारी हो कि भोजपुरी समाज इस त्योहार को बड़े ही श्रद्धा और भव्यता से मनाता है। इस घाट पर हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु, भगवान सूर्य की आराधना करने के लिए एकत्रित होते हैं।
महाआरती में जुटेगी भक्तों की भीड़
बिलासपुर में अरपा नदी तट पर छठ पूजा से पहले भोजपुरी और शहर के अन्य समाज के द्वारा महाआरती की जाती है। इस महाआरती को देखने के लिए हज़ारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होती है।
बताया जा रहा है कि करीब 24 सालों से भोजपुरी समाज के लोग इस घाट में छठ महापर्व करते आ रहे हैं। यही कारण है महापर्व की लोकप्रियता और महत्व को देखते हुए घाट के प्रबंधन और व्यवस्था को बेहतर किया गया। बता दें कि छठ पूजा में श्रद्धालु सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस दौरान श्रद्धालु नदी में खड़े होकर पूजन करते हैं। आस्था का यह दृश्य अत्यंत भव्य होता है।