द फॉलोअप डेस्क
गृहमंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में 3 संशोधित IPC लॉ बिल पेश किये। इनको आपराधिक कानूनों में बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। गौरतलब है कि विभिन्न संसदीय पैनलों की सिफारिशों के बाद तीन विधेयक राज्सभा में पेश किये गये हैं। IPC लॉ विधेयक को लोकसभा में पारित किया जा चुका है। अब राज्यसभा से स्वीकृति मिलने के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जायेगा।
क्या होगा बदलाव
IPC लॉ विधेयक के पास होने के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक CRPC की जगह लेगा। इसमें 533 धाराओं का प्रावधान किया गया है। वहीं, IPC का स्थान लेने वाले भारतीय न्याय संहिता विधेयक में पहले की 511 धाराओं को हटाकर अब इसमें 356 धाराएं शामिल की गयी हैं। इसी तरह साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले भारतीय साक्ष्य विधेयक में 167 धाराओं के स्थान पर अब 170 धाराओं का इस्तेमाल हो सकेगा। जानकारों का कहना है कि कानूनों में बदलाव से अपराध की जटिलताओं को कम करने आसानी होगी। इसका सीधा असर मुकदमों के त्वरित निपटारे पर पड़ेगा। अदालतों में लंबा खिचने वाले मुकदमों में कमी आयेगी।
लोकसभा में पास हो चुका है बिल
लोकसभा के पिछले सेशन में IPC लॉ विधेयक को पारित किया गया था। बीजेपी के सांसद सुशील कुमार मोदी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के सांसद विल्सन, और तेलुगु देशम पार्टी के सांसद कनकमेदाला रवींद्र कुमार की ओऱ से सार्वजनिक संसदीय स्थायी समिति को इससे संबंधित 7 रिपोर्टों की प्रति की गयी। राष्ट्रपति के पास भेजे जाने से पहले इन रिपोर्ट का अवलोकन कर लिया जायेगा।