द फॉलोअप डेस्कः
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को लगातार अपना सातवां बजट पेश करेंगी, जो 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा। इस बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी। सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या सीतारमण मध्यम वर्ग को बहुप्रतीक्षित कर राहत प्रदान करती हैं, जिससे उनके हाथों में अधिक पैसा बचेगा, क्योंकि कर में उछाल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 11 बजे मोदी सरकार 3.0 का पहला केंद्रीय बजट पेश करेंगी। 23 जुलाई को पेश होने जा रहा यह बजट ना सिर्फ टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी होगा, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए भी खास होने जा रहा है, जिनका सपना एक दिन टैक्सपेयर बनने का है। बजट भाषण में यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ब्रीफकेस से देश की इकोनॉमी को बूस्टर डोज मिलता है या सिर्फ यह आम बजट बनकर रह जाता है।
सीतारमण से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं लोग
इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट के मुताबिक, सरकार के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 5.8 प्रतिशत था। कर संग्रह में उछाल के कारण पूर्ण बजट में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
अब पेपरलेस बजट पेश करती हैं वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 में अपना पहला बजट पेश करते हुए चमड़े के पारंपरिक ब्रीफकेस को बदल दिया था। उन्होंने लाल कपड़े में लिपटे बही-खाते के रूप में बजट दस्तावेजों को पेश किया था। तब मोदी सरकार के इस बही खाते ने लोगों को काफी आकर्षित किया था। लेकिन पिछले तीन सालों से टैबलेट से बजट भाषण पढ़कर बजट पेश किया जाता है। इस बार भी पेपरलेस बजट पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश करने के बाद दोपहर को 1 बजे के आसपास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे। दोपहर 3 बजे वित्त मंत्री अपनी टीम के साथ बजट को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लोकसभा और राज्यसभा में आम बजट पर 20-20 घंटे चर्चा होने की संभावना है।