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मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में धराया ED का ऑफिसर, ACB ने की कार्रवाई

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द फॉलोअप डेस्क 

राजस्थान में ED की साख को धक्का लगा है। यहां ED के अधिकारी को उसके सहयोगी के साथ ACB की टीम ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी अधिकारी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप भी लगाया गया है। ACB की ओर से जारी बयान में कहा गया है, प्रवर्तन अधिकारी नवल किशोर मीना और उसके सहयोगी बाबूलाल मीना को खैरथल तिजारा जिला के मुंडावर में 15 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि ED ने हाल ही में राजस्थान में सीएम गहलोत के बेटे और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासारा के ठिकानों पर रेड किया था। सीएम गहलोत के बेटे से ED ने ‘फेरा’ से जुड़े मामले में पूछताछ भी की थी। इन कार्रवाइयों के बाद से राजस्थान के सियासी गलियारों में ED लगातार चर्चा में बनी हुई है। अब राजस्थान ACB की इस कार्रवाई ने इस बहस को अलग ट्विस्ट दे दिया है। ACB का आरोप है कि ED के गिरफ्तार अधिकारी ने एक दलाल के माध्यम से 17 लाख रुपये की घूस की मांग की है। 

गिरफ्तारी से पहले जांच एजेंसी ने किया होमवर्क 
ACB की ओर से मिली जानकारी मिली है कि नवल मीना की गिरफ्तारी के लिए उसने खासा होमवर्क किया था। ED अधिकारी को पहले आय से अधिक संपति मामले में घेरे में लिया गया। इस बीच मिले कागजात और जानकारी के आधार पर नवल मीना के कई ठिकानों पर ACB की टीम ने छापेमारी की। इसके बाद मीना को गिरफ्तार किया गया। नवल मीना पर आरोप है कि उन्होंने चिटफंड मामले में फंसे एक राजस्थानी कारोबारी से डील की थी। डील के मुताबिक चीटफंड कारोबारी के संपतियों को कुर्क नहीं करने के एवज में नवल किशोर मीना ने 17 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। इसी डील के तहत मीना को 15 लाख रुपये लेते हुए ACB की टीम ने अरेस्ट किया है। 

गिरफ्तारी के बाद क्या कहा ACB ने 

इस संबंध में ACB के अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने प्रेस को बताया है कि ED के अरेस्ट अधिकारी इंफाल में दर्ज एक चिटफंड मामले को रिश्वत लेकर निपटाना चाहते थे। दर्ज मामले में आरोपी कारोबारी को गिरफ्तारी से बचाने, प्रॉपर्टी अटैचन नहीं करने और मामले को समाप्त करने के लिए डील की गयी थी। इसके बदले में इंफाल सब जोनल ED ऑफिस के अधिकारी नवल किशोर मीना ने आरोपी कारोबारी से रिश्वत की मांग की थी।