द फॉलोअप डेस्क
जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ने वाली है। ईडी अधिकारी पटना स्थित राबड़ी आवास पहुंचे हैं। जहां ईडी ने लालू परिवार को पीला लफीफा थमाया है। कहा जा रहा है कि पूछताछ में सहयोग नहीं करने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम शुक्रवार को राबड़ी आवास पहुंची और पत्र देकर लौट गई। सियासी गलियारों में चर्चा है कि ED के अधिकारियों ने लालू यादव और तेजस्वी यादव को दिल्ली ED कार्यालय में हाजिर होने को लेकर हाथोंहाथ समन दिया है। संभवतः शनिवार को हाजिर होने को कहा गया है।
18 जनवरी को रखा फैसला सुरक्षित
गौरतलब है कि लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी समेत अन्य आरोपी हैं। 18 जनवरी को नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के आरोप पत्र के संज्ञान लेने की कार्रवाई पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। राउज एवेन्यू स्थित स्पेशल जज विशाल गोगने की अदालत ने मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। इसमें लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत सात लोगों को प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपित बनाया है। वहीं, सीबीआई ने भी कथित घोटाले से जुड़े मामले में आरोप तय करने के मामले में अपना पक्ष रखा था। वहीं, सीबीआई ने भी कथित घोटाले से जुड़े मामले में आरोप तय करने के मामले में अपना पक्ष रखा। अदालत ने सीबीआई को 19 जनवरी को अपनी दलील पूरी करने का समय दिया है।
क्या है जमीन के बदले नौकरी मामला?
जमीन के बदले नौकरी मामला साल 2004 से 2009 का है। इस दौरान यूपीए सरकार में लालू यादव रेल मंत्री थे। रेल मंत्री के रूप में लालू यादव के कार्यकाल के दौरान, निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करके और बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना के रेलवे में पसंदीदा उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई थी। पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता और जयपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था। आरोप है कि नियुक्ति किए गए उम्मीदवारों ने यादव परिवार के कुछ सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची। हालांकि, यादव परिवार ने आरोपों से इनकार किया है।
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