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लोकसभा विशेष : UP ने दिया झटका! हिंदीभाषी राज्यों में बड़ा नुकसान, कैसे अपने बूते बहुमत से दूर रह गई BJP

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क:

अबकी बार 400 पार का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी इस लोकसभा चुनाव में अपने बूते बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई है। दोपहर 3 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी 245 सीटों पर आगे है। 2019 में बीजेपी ने 303 सीटें हासिल की थी। बहुमत का आंकड़ा 272 है और इसलिए बीजेपी को सहयोगियों का आसरा है। 350 प्लस लोकसभा सीटें हासिल करने का लक्ष्य रख चुनाव कैंपेन में उतरी बीजेपी आखिरकार कैसे 245 पर सिमटती दिखी। दरअसल, बीजेपी को गुजरात और मध्य प्रदेश को छोड़कर बाकी तमाम हिंदीपट्टी के राज्यों में सीटों का भारी नुकसान हुआ है। यूपी में तो बीजेपी को 30 सीटों का नुकसान हुआ है। हालांकि, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में सीटें बढ़ी लेकिन वह नुकसान की भरपाई करने को नाकाफी थी। 


झारखंड में 2019 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 12 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन इस बार 9 सीटों पर सिमटती दिख रही है। बीजेपी ने खूंटी, सिंहभूम और लोहरदगा सीट गंवा दी है। दुमका में पिछली बार जीत हासिल की थी। इस बार हारती दिख रही है। राजमहल सीट भी बीजेपी लगातार तीसरी बार हार गई है। खूंटी में कांग्रेस के कालीचरण मुंडा, लोहरदगा में कांग्रेस के सुखदेव भगत, दुमका में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नलिन सोरेन और राजमहल में विजय हांसदा जीत रहे हैं। सिंहभूम सीट पर झामुमो की जोबा मांझी ने जीत हासिल की है। 

राजस्थान में 2019 में 25 लोकसभा सीटों में से 24 सीट जीतने वाली बीजेपी 2024 में महज 14 सीटों पर सिमटती दिख रही है। यहां इंडिया गठबंधन ने 11 सीटों पर बढ़त हासिल की। बीजेपी को यहां 9 सीटों को नुकसान हुआ है। हालांकि, मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 2019 वाला प्रदर्शन दोहराया है और सभी 29 सीटों पर निर्णायक बढ़त हासिल करती दिख रही है। 
छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 1 सीट का फायदा हुआ है। 2019 में पार्टी को यहां 9 सीटें मिली थी। कांग्रेस ने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी। बीजेपी ने इस बार 10 सीटों पर बढ़त हासिल की है। कांग्रेस को 1 सीट का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद राजनांदगांव से चुनाव लड़ रहे थे। भूपेश बघेल इस सीट से 40 हजार वोट के अंतर से पीछे चल रहे हैं। 

यूपी से होकर दिल्ली की सत्ता का रास्ता जाता है। भारतीय चुनावी राजनीति में यह कहावत पुरानी और साश्वत रही है। यहां बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ है। पिछली दफा भारतीय जनता पार्टी ने 64 सीटों पर जीत हासिल की थी। सहयोगी अपना दल ने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी। बसपा को 10 और समाजवादी पार्टी को 3 सीटें मिली थी। कांग्रेस को 1 सीट मिली थी। इस बार पूरा समीकरण उलट-पुलट हो गया है। समाजवादी पार्टी यूपी में डार्क हॉर्स साबित हुई है। 2024 में अब तक इंडिया गठबंधन ने 43 सीटों पर बढ़त हासिल की है। समाजवादी पार्टी ने अकेले 30 प्लस सीटों पर लीड बनाई है। बसपा शून्य पर सिमट रही है वहीं एनडीए गठबंधन महज 36 सीटों पर सिमटती दिख रही है। अन्य के खाते में 1 सीट जाती दिख रही है। बीजेपी यदि इस बार यदि अपने बूते बहुमत के आंकड़े से दूर है तो इसका बड़ा कारण यह है कि बीजेपी को 30 सीटों का बड़ा नुकसान हुआ है। 

बिहार में 2019 में एनडीए गठबंधन ने 17 सीटें जीत ली थी। सहयोगी जेडीयू को 16 सीटें मिली थी। लोजपा 6 सीटें जीती थी और कांग्रेस को 1 सीट मिला था। यहां इस बार एनडीए गठबंधन को 7 सीटों का नुकसान हुआ है। गठबंधन 32 सीटों पर लीड में है। इंडिया गठबंधन ने 8 सीटों पर लीड हासिल की है।

दिल्ली में नतीजा नहीं बदला। 2019 में बीजेपी ने सभी 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। अब भी बीजेपी ने सभी 7 सीटों पर लीड हासिल की है। 

हरियाणा में भी बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ है। पिछली बार 10 की 10 संसदीय सीटों पर जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी इस बार महज 5 सीटों पर आगे है। बाकी 5 सीटों पर इंडिया गठबंधन ने बढ़त हासिल की है। पंजाब में 2019 में 2 सीटें जीतने वाली बीजेपी का इस बार खाता भी खुलता नजर नहीं आ रहा है।

चंडीगढ़ की 1 सीट बीजेपी ने जीती थी, इसबार भी लीड हासिल कर चुकी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृहराज्य गुजरात ने भारतीय जनता पार्टी को निराश नहीं किया है। गुजरात में 26 सीटों पर बीजेपी आगे है। 

महाराष्ट्र में भी भारतीय जनता पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है। यहां विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना-बीजेपी में अलगाव हुआ। महाविकास अघाड़ी नाम से गठबंधन बना जिसमें शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी शामिल थी। बाद में नाटकीय घटनाक्रम में एकनाथ शिंदे विधायकों के बड़े समूह के साथ अलग हो गये और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार भी कुछ विधायकों के साथ इस सरकार में शामिल हो गये। लगता है इस जोड़-तोड़ का खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा है।

महाराष्ट्र में बीजेपी ने 2019 में 23 सीटों पर जीत हासिल की थी। शिवसेना को 18 सीटें मिली थी। एनसीपी 4 और कांग्रेस 1 सीट जीती थी। बीजेपी को इस बार 5 सीटों का नुकसान हुआ है। इंडिया गठबंधन 29 सीटों पर आगे है। 1 सीट अन्य के खाते में है। 

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में भी सीटें गंवाई है। 2019 में बीजेपी ने 17 और टीएमसी ने 23 सीटें जीती थी। 2 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी। इस बार 6 सीटों के नुकसान के साथ बीजेपी 11 सीटों पर सिमटती दिख रही है। टीएमसी 7 सीटों की बढ़त के साथ 30 सीटों पर आगे है वहीं कांग्रेस को 1 सीट मिलती दिख रही है।

हिमाचल में भी बीजेपी को 2019 की तरह इस बार भी सभी 4 लोकसभा सीटों पर बढ़त हासिल हुई है। उत्तराखंड में भी बीजेपी पिछली कामयाबी दोहराती नजर आ रही है। बीजेपी ने यहां की सभी 5 सीटों पर बढ़त हासिल की है।

बीजेपी को कर्नाटक में भी भारी नुकसान हुआ है। विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में भी इस दक्षिणी राज्य में बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है। 2019 में राज्य की 28 में से 25 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी 2024 में 16 सीटों पर सिमटती दिख रही है। कांग्रेस 10 सीटों पर आगे है। वहीं जेडीएस को 2 सीटें मिलती दिख रही है। कर्नाटक में बीजेपी को 9 सीटों का फायदा हुआ है। 

तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी के लिए राहत की खबर है। यहां की 17 लोकसभा सीटों में बीजेपी 8 सीटों पर आगे है। बीजेपी ने पिछली दफा यहां 4 सीटें जीती थी। कांग्रेस को 3 सीट मिली थी। टीआरएस ने 9 सीटें जीती थी। 1 सीट अन्य के खाते में गई थी। कांग्रेस की भी सीटें तेलंगाना में बढ़ी है। 5 सीटों का फायदा हुआ है। टीआरएस इस बार शून्य पर सिमट गई है। गौरतलब है कि हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने तेलंगाना में सरकार भी बनाई है।

तमिलनाडु में बीजेपी को 1 सीट मिलती दिख रही है। पिछली बार इस राज्य में बीजेपी का खाता नहीं खुला था। कांगेस ने 8 सीटें जीती थी। डीएमके को 24 सीटें मिली थी। एआईएडीएमके 1 सीट जीती थी। अन्य के खाते में 6 सीट गई थी। इंडिया गठबंधन इस बार तमिलनाडु में 38 सीटों पर आगे है। एआईएडीएमके शून्य पर सिमट गई है। अन्य के खाते में कोई सीट नहीं है। किसी भी निर्दलीय उम्मीदवार ने प्रभाव नहीं छोड़ा है। 

दक्षिणी राज्यों में जनाधार बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती रही है। इस पर आंध्र प्रदेश का आंकड़ा चौंकाने वाला है। 2019 में यहां बीजेपी का खाता नहीं खुला था। वाईएसआर कांग्रेस ने 22 और टीडीपी ने 3 सीटें जीती थी। इस बार बहुत बड़ा बदलाव हुआ है। यहां एनडीए ने 19 सीटों पर बढ़त हासिल कर रखी और उम्मीद की जा रही है कि नतीजा भी यही होगा। 2019 में 22 सीटें जीतने वाली वाईएसआर कांग्रेस महज 4 सीटों पर सिमट गई है। कांग्रेस का खाता नहीं खुला। 2 सीटें अन्य के खाते में जाती दिख रही है। 

केरल में इस बार बीजेपी अथवा एनडीए को 1 सीट मिलता दिख रहा है। कांग्रेस ने 13 सीटों पर निर्णायक बढ़त हासिल की है। वायनाड सीट से राहुल गांधी जीते हैं। 2 सीटें माकपा के खाते में भी गई है। 4 सीटें अन्य उम्मीदवारों ने जीती है। यहां कांग्रेस को 2 सीटों का नुकसान होता दिख हा है। माकपा भी 1 सीट गंवाती नजर आ रही है।

बीजेपी को ओडिशा में भी बढ़त हासिल हुई है। 2019 में 8 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2024 में 19 सीटों पर आगे चल रही है। 2019 में कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी। वही बरकरार रखा है।

असम में भी बीजेपी को 1 सीट का नुकसान हुआ है। 2019 में बीजेपी को यहां 9 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार बीजेपी 8 सीटों पर आगे है। इंडिया गठबंधन 4 सीट पर आगे है। असम में पिछली दफा कांग्रेस पार्टी को 3 सीटें मिली थी। 

2019 में बीजेपी ने जम्मू कश्मीर में 2 सीटें जीत थी। नेशनल कांफ्रेंस को 3 सीटें मिली थीं। बीजेपी ने इस बार भी 2 सीटें जीती है। इंडिया गठबंधन 2 सीटों पर आगे है। पीडीपी का खाता नहीं खुला है। लद्दाख में भी भारतीय जनता पार्टी को 1 सीट का नुकसान हुआ है। गोवा में पिछली बार का ही नतीजा दोहराया गया है। बीजेपी 1 और कांग्रेस 1 सीट पर आगे है। त्रिपुरा की 2 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने अपना पिछला प्रदर्शन दोहराया है।

अरुणांचल प्रदेश में बीजेपी ने पिछला प्रदर्शन दोहराया है। पिछली बार भी यही प्रदर्शन रहा था। पिछली बार दमन-दीव पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी इस बार दादरा और नगर हवेली में आगे है। अंडमान निकोबार में भी बीजेपी जीती थी। 

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