द फॉलोअप डेस्क
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इसे न्याय पत्र का नाम दिया गया है। इसमें 5 न्याय औऱ 25 गारंटी का वादा किया गया है। इसे लेकर बीजेपी के खेमे में हलचल है। बीजेपी ने कांग्रेस के 5 न्याय वाली बात का विरोध किया है। बीजेपी की ओर से कहा गया है कि ये कांग्रेस का कम और मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र अधिक लगता है, जो लीग ने 1936 में जारी किया था। यानी तब जब देश आजाद भी नहीं हुआ था। बीजेपी खेमे ने कांग्रेस की 3 घोषणाओं की तुलना मुस्लिम लीग के घोषणा पत्र से की है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि मोदी की भाषणों में केवल आरएसएस की बू आती है। दिन पर दिन बीजेपी की चुनावी हालत इतनी खस्ता होती जा रही है, कि आरएसएस को अपने पुराने मित्र मुस्लिम लीग की याद सताने लगी है।
क्या कहा है बीजेपी ने
बीजेपी की ओर से कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा गया है, '1936 में मुस्लिम लीग ने अपने मेनिफेस्टों में कहा था कि वह मुस्लिमों के लिए शरिया व्यक्तिगत कानूनों यानी पर्सनल लॉज की रक्षा करेगी। 2024 में कांग्रेस ने भी कहा है कि वह यह तय करेगी कि अल्पसंख्यकों के व्यक्तिगत कानून हों। 1936 में मुस्लिम लीग ने कहा था कि वो बहुसंख्यकवाद के खिलाफ लड़ेगी। 2024 में कांग्रेस ने कहा है कि भारत में बहुसंख्यकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। 1936 में मुस्लिम लीग ने कहा था कि हम मुस्लिमों के लिए स्पेशल स्कॉलरशिप और नौकरियों के लिए संघर्ष करेंगे। 2024 में कांग्रेस ने कहा है कि हम इंश्योर करेंगे कि मु्स्लिम छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप मिले।'
जवाब में कांग्रेस ने ये कहा
बीजेपी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि मोदी-शाह के राजनीतिक व वैचारिक पुरखों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भारतियों के ख़िलाफ़, अंग्रेज़ों और मुस्लिम लीग का साथ दिया। आज भी वो आम भारतियों के योगदान से बनाए गए 'कांग्रेस न्याय पत्र' के ख़िलाफ़ मुस्लिम लीग की दुहाई दे रहे हैं। मोदी-शाह के पुरखों ने 1942 में "भारत छोड़ो" के दौरान, महात्मा गांधी के आवाहन व मौलाना आज़ाद की अध्यक्षता वाले आंदोलन का विरोध किया। सभी जानते है कि आपके पुरखों ने 1940 में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल, सिंध और NWFP में अपनी सरकार बनाई। क्या श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने तत्कालीन अंग्रेज़ी गवर्नर को ये नहीं लिखा कि 1942 के देश व कांग्रेस के भारत छोड़ो आंदोलन को कैसे दबाना चाहिए? और इसके लिए वे अंग्रज़ों का साथ देने के लिए तैयार है?
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