द फॉलोअप डेस्क
बिलकिस बानो रेप केस (Bilkis Bano rape case) के एक रिहा आरोपी ने सरेंडर करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर की है। गोविंदभाई नाई नाम के दुष्कर्म आरोपी ने कोर्ट को कहा है कि चल रही सुनवाई के दौरान कोई ऐसा काम नहीं किया है, जिससे कानून का उल्लंघन होता हो। उन्होंने अदालत के नियमों और आदेश का पालन किया है। उन्होंने कोर्ट से गुहार लगाई है कि स्वास्थ्य और पारिवारिक कारणों से सरेंडर करने के लिए और समय दिया जाये। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के 11 आरोपियों की रिहाई के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है। गोविंदभाई नाई इन्हीं 11 आरोपियों में से एक हैं।
इस कारण कोर्ट से मांग समय
सुप्रीम कोर्ट के दिये आवेदन में गोविंदभाई ने कहा है कि वे अपने परिवार के एकमत्र सदस्य हैं जिनकी आय से परिवार चलता है। बता दें कि गोविंदभई पेशे से नाई हैं। यही उनका पुश्तैनी धंधा है। आग कहा है कि वे खुद अस्थमा के मरीज हैं और कुछ दिनों पहले ही उनका ऑपरेशन हुआ है। साथ ही, घऱ में उनके बूढ़े माता-पिता हैं, जो बीमार रहते हैं। उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। उनको दोनों बच्चों की देखभाल के लिए भी परिवार को उनकी जरूरत है। इन कारणों पर विचार करते हुए उनको सरेंडर करने के लिए औऱ समय दिया जाये।
8 जनवरी को निरस्त की गयी रिहाई
गौरतलब है कि बिलकिस बानो गैंग रेप केस (Bilkis Bano rape case) में रिहा हुए 11 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 8 जनरी को सरेंडर करने के लिए कहा है। कहा कि दोषियों की रिहाई का गुजरात सरकार का फैसला गलत था। कहा, दोषियों को रिहा करने का गुजरात सरकार के पास कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा है कि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार का स्टैंड ज्यादा सही दिखाई देता है। बिलकिस बानो रेप केस में 11 दोषियों को गुजरात सरकार की सिफारिश पर पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिहा कर दिया गया था। रिहाई के बाद बीजेपी के सांसदों और विधायकों ने मंच पर दोषियों को फूल-माला पहना कर स्वागत किया था। इनको संस्कारी ब्रह्मण करार दिया गया था।