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दिल्ली  : बड़े देशों ने पर्यावरण को पहुंचाया सबसे ज्यादा नुकसान-पीएम मोदी 

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डेस्क :
आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है।इसी कड़ी में 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु और उनके सदस्यों की प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा कि मार्च में सद्गुरु की संस्था ने Save Soil अभियान की शुरुआत की थी। 27 देशों से होते हुए उनकी यात्रा आज 75वें दिन यहां पहुंची है।पीएम मोदी ने कहा कि भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब Climate Change में भारत की भूमिका न के बराबर है। विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा carbon emission उन्ही के खाते में जाता है। 

बड़े देशों से पर्यावरण को सबसे ज्यादा क्षति- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब Climate Change में भारत की भूमिका न के बराबर है। विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा carbon emission उन्ही के खाते में जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने CDRI और इंटरनेशनल सोलर अलायंस के निर्माण का नेतृत्व किया है। पिछले वर्ष भारत ने ये भी संकल्प लिया है कि भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा। आज हमारी सौर ऊर्जा क्षमता करीब 18 गुना बढ़ चुकी है। हाइड्रोजन मिशन हो या फिर सर्कुलर इकोनॉमी पॉलिसी का विषय हो, ये पर्यावरण रक्षा की हमारी प्रतिबध्दता का परिणाम है।

पीएम मोदी ने मिटटी को जीवंत बनाए रखने के  बताए मंत्र बताए
पीएम मोदी ने कहा कि देश ने मिटटी को जीवंत बनाए रखने के लिए निरंतर काम किया है।  मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है। पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं। दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग Soil Organic Matter कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं। तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं। चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें और पांचवा, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।

जारी किया मृदा स्वास्थ्य कार्ड और 10% इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को किया प्राप्त 
पीएम मोदी ने कहा कि पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को Soil health card देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया। पूरे देश में 22 करोड़ से ज्यादा soil health card किसानों को दिए गए। इसके साथ साथ देश में मिट्टी की जांच से जुड़ा एक बड़ा नेटवर्क भी तैयार हुआ है। आज देश के करोड़ो किसान Soil health card से मिली जानकारी के आधार पर फर्टीलाइजर और माइक्रो न्यूट्रिशन का उपयोग कर रहे हैं। इससे किसानों को लागत में 8 से 10% की बचत हुई है और उपज में 5 से 6% की बढ़ोतरी देखी गई है। मिट्टी को लाभ पहुंचाने में यूरिया की शत प्रतिशत नीम कोटिंग ने भी बहुत लाभ पहुंचाया है। माइक्रो इरीगेशन और अटल भू-योजना की वजह से देश के अनेक राज्यों में मिट्टी की सेहत भी संभल रही है।अपने इन प्रयासों के बीच आज पर्यावरण दिवस के दिन भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की है। आज भारत ने पेट्रोल में 10% इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। भारत इस लक्ष्य पर तय समय से 5 महीनें पहले पहुंच गया है।