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गुजरात : 2 करोड़ से रेनोवेशन के बाद पांच दिन पहले आम लोगों के लिए खुला केबल सस्पेंश ब्रिज टूटा, 400 लोग नदी में गिरे, 60 की मौत

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द फॉलोअप टीम

गुजरात के मोरबी में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया है। रविवार की शाम करीब 7 बजे यहां केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। 2 करोड़ की लागत से इसका रेनोवेशन किया गया था। बताया जा रहा है कि पुल के रेनोवेशन के कारण बीते 6 महीने से यह बंद था। दिवाली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर से इसे आम लोगों के लिए खोला गया है। कहा जा रहा है कि ब्रिज के टूटने से करीब 400 लोग मच्छु नदी में गिर गए। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। स्थानीय लोगों के अनुसार 60 लोगों की लाश अब तक निकाली गई है। हालांकि, अभी आधिकारिक रूप से कितने लोगों की मौत हुई है इसका आंकड़ा नहीं बताया जा रहा है।

मृतक को दो लाख, घायल को 50 हजार सहायता
घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात की। उनसे मोरबी हादसे के बारे में जानकारी ली। सीएम ने प्रधानमंत्री को बताया कि राहत, बचाव कार्य जारी है। घायलों के तत्काल उपचार की व्यवस्था को लेकर निर्देश दिया गया है। जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के आश्रितों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है। वहीं, हादसे को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव की जल्दबाजी में भाजपा ने पुल को आम लोगों के लिए जल्दी खोला। इस मामले में CM अरविंद केजरीवाल ने घटना को दुखद बताया।

साल 1880 में पुल का हुआ है निर्माण
मोरबी के सस्पेंशन ब्रिज की लंबाई करीब 765 फीट है। यह पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर माना जाता है। दरअसल इस ब्रिज का निर्माण लगभग 3.5 लाख की लागत से वर्ष 1880 में हुआ था। तब पुल बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद से कई बार इस पुल का रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में 2 करोड़ की लागत से भी रेनोवेशन किया गया है। फिलहाल ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। मोरबी नगर पालिका के साथ इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए समझौता किया है। इसके तहत ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने और स्टाफ प्रबंधन की जिम्मेदारी है।

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