डेस्क:
बिहार में बड़ा सियासी फेर-बदल हुआ है। अब लालू प्रसाद की राष्ट्रीय जनता दल बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। दरअसल, बुधवार को एआईएमएआईएम के 4 विधायक आरजेडी में शामिल हो गए। अब 80 विधानसभा में 80 विधायकों के साथ आरजेडी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बिहार में असदुद्दीन ओवैसी को बड़ा झटका लगा है। बीते विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 5 सीटें जीती थीं। लगा था प्रसार होगा लेकिन अब 4 विधायक लालू की पार्टी में शामिल हो गये।
यह जोड़-तोड़ की राजनीति नहीं, अपनों का मिलन है, समाजवाद का सशक्तिकरण है, मतदाताओं का अपनापन है, जन सरोकार आधारित मजबूत महागठबंधन है!@yadavtejashwi @laluprasadrjd pic.twitter.com/vyv7IXiHcV
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) June 29, 2022
विधानसभा चुनाव में जीती थीं 75 सीटें
गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने 75 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2022 में उपचुनाव हुआ। आरजेडी ने 1 और सीट जीत ली। इस प्रकार पार्टी के पास 76 विधायक हो गये। अब एआईएमआईएम के 4 विधायकों के शामिल होने से आरजेडी के पास विधायकों का आंकड़ा 80 तक पहुंच गया है। इसी चुनाव में बीजेपी को 74 सीटों पर जीत मिली थी। तब गठबंधन में चुनाव लड़े मुकेश साहिनी की पार्टी के 4 विधायक जीते थे। इनमें से तीन बीजेपी में शामिल हो गये। बिहार विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की संख्या 77 तक पहुंच गई है। अब आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी हो गई।
इन चार विधायकों ने बदल लिया है पाला
बुधवार को एआईएमआईएम के बायसी विधाननसभा सीट से सैयद रुकनुद्दीन अहमद, जोकीहाट से शाहनवाज आलम, कोचाधामन से मोहम्मद इजहार असफी और बहादुरगंज से मोहम्मद अंजार राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गये। ओवेसी की पार्टी में अब अमौर सीट से अख्तरुल ईमान ही बचे हैं।
गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने बिहार में बड़ा जोर लगाया था। पांच सीटों पर जीत भी हासिल की थी। जेडीयू को नुकसान भी पहुंचाया था। लेकिन अब असदुद्दीन ओवैसी को बड़ा झटका लगा है। बीते चुनाव में जीत के बाद एआईएमआईएम बड़े विस्तार का सपना देखा था वो टूट गया।
बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनी आरजेडी
बिहार में इस सियासी भूचाल के बाद विधानसभा में आरजेडी के पास 80 विधायक हैं। वो सबसे बड़ी पार्टी है। 77 विधायकों के साथ बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के 45 विधायक हैं। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की हम पार्टी के पास 4 विधायक हैं। सीपीआई (माले) के 12, सीपीआई (एम) के 2 और सीपीआई का 1 विधायक है।
कांग्रेस पार्टी के पास यहां 20 और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पास 1 विधायक है। कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने खुद गाड़ी ड्राइव कर इन विधायकों को विधानसभा पहुंचाया और स्पीकर विजय सिन्हा के सामने पेश किया।
क्या बिहार में नई करवट लेगी सियासत
गौरतलब है कि बीते कुछ समय से कई मसलों पर सत्ताधारी जेडीयू और बीजेपी के बीच ठीक से बन नहीं रही है। मंगलवार को विधानसभा में अग्निपथ स्कीम पर एक प्रस्ताव लाया गया जिसमें सदन के भीतर केवल बीजेपी के विधायक बैठे थे। आरजेडी और कांग्रेस को तो नहीं ही होना था लेकिन जेडीयू के विधायक भी नजर नहीं आये। जातीय जनगणना पर भी दोनों पार्टियों में मतभेद है।
कहा जा रहा है नीतीश कुमार एनडीए में खुद को असहज महससू कर रहे हैं। अब ये तो वक्त ही बताएगा कि बिहार में सियासत किस करवट लेगी। क्या नीतीश कुमार फिर से आरजेडी की ओर जाएंगे।