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तमिलनाडु में राम मंदिर समारोह के लाइव प्रसारण पर रोक, सीतारमण के आरोप से सियासी बहस तेज  

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द फॉलोअप डेस्क 

तमिलनाडु सरकार ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लाइव प्रसारण पर रोक लगा दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु सरकार पर ये आरोप लगाया है। हालांकि तमिलनाडु सरकार के एक मंत्री ने इस आरोप का झूठा बताया है। इसके बावजूद इस आरोप पर सियासी बहस तेज हो गयी है। वित्त मंत्री ने इसी के साथ तमिलनाडु सरकार पर और भी कई गंभीर आरोप लगाये हैं। सीतारमण ने आगे कहा कि तमिलनाडु सरकार अनौपचारिक लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंध को उचित ठहराने के लिए कानून व्यवस्था के बिगड़ने का दावा कर रही है। यह एक झूठी और फर्जी कहानी है। 


क्या कहा है केंद्रीय मंत्री ने 

निर्मला सीतारमण ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि तमिलनाडु के कई हिस्सों में दिल दहला देने वाले विचित्र दृश्य देखने को मिल रहे हैं। लोगों को भजन आयोजित करने, गरीबों को खाना खिलाने, मिठाइयां बांटने, ख़ुशी मनाने से रोका जा रहा है और धमकी दी जा रही है। जबकि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा करते देखना चाहते हैं। सीतारमण ने आरोप लगाया कि केबल टीवी ऑपरेटरों को बताया गया है कि लाइव टेलीकास्ट के दौरान बिजली बंद होने की संभावना है। कहा कि यह इंडिया गठबंधन में शामिल प्रमुख दल DMK का हिंदू विरोधी कदम है। 

मंत्री ने आरोपों को मनगढ़ंत बताया 


निर्मला सीतारमण के आरोपों का खंडन तमिनाडु सरकार के कैबिनेट मंत्री शेखर बाबू ने किया है। शेखर बाबू ने कहा, 'DMK की यूथ विंग कॉन्फ्रेंस से ध्यान भटकाने के लिए ये अफवाह फैलाई जा रही हैं। कहा कि तमिलनाडु के किसी मंदिर में राम के लिए पूजा करने या अन्नधनम देने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। ⁠यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निर्मला सीतारमण जैसे लोग अफवाहें फैला रहे है, जो सत्य के एक दम विपरीत हैं।'