रांची:
राज्य में नौकरशाही, बाबूगिरी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाए बिना सरकार का कोई भी अभियान बिगड़े हालात नहीं बदल सकते। 'आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार' को प्रचार और सरकारी समारोह बनाने की बजाय निचले स्तर पर सिस्टम को दुरूस्त करने पर सरकार का कोई जोर नहीं है। यह बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष व राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कही। उन्होंने कहा कि ब्लॉक, अंचल और थाने स्तर पर आम आदमी अपने काम के लिए कितने स्तर पर परेशान होता है, यह जानने के लिए साधारण लोगों के साथ किसी चौपाल में सरकार के मुखिया को बैठना होगा। यह साहस उनमें नहीं है। उन्होंने कहा कि गांव का एक आम आदमी ब्लॉक, अंचल या थाने में किसी साहब या बाबू पास बैठकर अपनी बात नहीं कर सकता। परेशानी नहीं बता सकता। नौकरशाही और बाबूगिरी तब बढ़ता है जब ऊपरी स्तर पर काम करने की नीति और नियत नहीं होती।
श्वेत पत्र जारी करे सरकार
बुधवार से हेमंत सरकार की 'आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार' कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए आजसू प्रमुख ने कहा कि यह समय का तकाजा है कि सरकार को विकास और कल्याण की लटकी पड़ी योजनाओं के बारे में श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। मनरेगा, डीएमएफटी, ग्रामीण सड़क योजना, दाखिल खारिज करने, राशन कार्ड बनाने, जलापूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के अलावा 14वें और 15वें वित्त आयोग से जुड़े अनुदान से ग्राम पंचायतों को सशक्त करने और 'सार्वजनिक सेवाओं' के सुनिश्चित करने में पंचायत स्तर पर हुए कार्यों का भी लेखा-जोखा सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की ताकत लगातार कमजोर की जाती रही है। मुख्यमंत्री ने सभी जिले के डीसी को आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के जरिए जनता से सीधा संवाद कर आम जनता की शिकायतों एवं समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। तो मुख्यमंत्री को यह भी जानना चाहिए कि निचले स्तर बिना पैसा कोई काम नहीं होता।
अधूरी घोषणओं-वादों पर पर्दा डालने के लिए है यह कार्यक्रम
सुदेश ने कहा कि आला अधिकारियों से यह भी पूछा जाना चाहिए कि गांवों की मर्जी से कितनी योजनाएं बनती और पूरी होती हैं। विकास कार्यक्रम की रुपरेखा तय करने में आम आदमी कहां खड़ा है? सच यह है कि जैसे- जैसे हेमंत सरकार का कार्यकाल आगे बढ़ते जा रहा है वह आधी अधूरी तमाम घोषणाएं व वादे पर पर्दा डालने के लिए इस तरह का कार्यक्रम कर रही है। उन्होंने कहा कि योजनाओं के संचालन एवं सफलता के लिए सरकार को ग्राम सभा को आधार बनाना होगा। पंच-पंचायत लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। ग्राम सभा अगर सशक्त हो जाए तो आधे से ज्यादा समस्याओं का निष्पादन ग्राम स्तर पर ही खत्म हो जाएगा।