द फॉलोअप डेस्कः
एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। एड्स एक गंभीर बीमारी है। समय पर इलाज ना किया जाए तो यह बीमारी जानलेवा हो सकती है। सिर्फ झारखंड में वर्तमान में एड्स से 15326 लोग प्रभावित हैं। एड्स कंट्रोल संगठन के आंकड़ों के अनुसार इस साल 6,22,140 लोगों की जांच की गई, जिसमें 975 लोग संक्रमित पाए गए। झारखंड में संक्रमितों में 9612 को राशन कार्ड, 7215 को आयुष्मान कार्ड और 7660 को पेंशन का लाभ मिल रहा है। 175 संक्रमित एवं प्रभावित बच्चों को समाज कल्याण विभाग की ओर से चार हजार मासिक अनुदान मिल रहा है।
हजारीबाग में सबसे अधिक 3465 संक्रमित
सबसे ज्यादा संक्रमित हजारीबाग जिले मे हैं। यहां 3465 है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रवासी मजदूर या लंबी दूरी तय करने वाले ड्राइवरों में एचआईवी की पुष्टि अधिक हो रही है। आकड़ों के अनुसार पूरे राज्य में 6804 महिला, 7358 पुरुष, 61 ट्रांसजेंडर, 652 युवक और 451 युवतियां संक्रमित हैं। इसवर्ष जेल में बंद 18540 कैदियों की भी जांच की गई, जिसमें 15 एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। इसवर्ष लेट कम्युनिटी लीड थीम पर विभिन्न जिलों में 30 स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, एलिमिनेशन ऑफ पैरेंट टू चाइल्ड ट्रांसमिशन ऑफ एचआईवी कार्यक्रम के तहत एचआईवी संक्रमित माता-पिता से होने वाले कुल 83 बच्चों को एड्स संक्रमित होने से बचाया गया है।
क्या है एचआईवी
एचआईवी एक वायरस है, जिसे ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस के नाम से भी जाना जाता है। एचआईवी आपके इम्युन सिस्टम की सेल्स को संक्रमित और नष्ट कर देता है, जिससे अन्य बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है। इस तरह जब एचआईवी आपकी इम्युनिटी को पूरी तरह से कमजोर कर देता है, तो यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशियेंसी सिंड्रोम या एड्स (AIDS) का कारण बन सकता है।
क्या है एड्स
एड्स एचआईवी से होने वाली बीमारी है, जो इस संक्रमण का अंतिम और सबसे गंभीर स्टेज होता है। एड्स से पीड़ित लोगों में व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या बहुत कम होती है और उनका इम्युन सिस्टम भी गंभीर रूप से डैमेज हो जाता है।
क्या है दोनों में अंतर
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक एचआईवी और एड्स में सबसे अहम अंतर यह है कि एचआईवी एक वायरस है, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है। वहीं, एड्स एक ऐसी स्थिति या बीमारी है, जो एचआईवी संक्रमण की वजह बन सकती है, जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है। कोई व्यक्ति तब तक एड्स से पीड़ित नहीं हो सकता, जब तक वह एचआईवी से संक्रमित नहीं हैं। हालांकि, यह भी सच है कि एचआईवी से पीड़ित हर व्यक्ति को एड्स नहीं होता है, लेकिन बिना इलाज एचआईवी से एड्स की वजह बन सकता है।
किसे प्रभावित करता है
कई लोगों का यह मानना है कि एचआईवी सिर्फ कुछ खास लोगों को भी संक्रमित करता है। हालांकि, यह एक मिथक है। वायरस के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति एचआईवी संक्रमित हो सकता है। हालांकि, निम्न लोगों को इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है-
यौनकर्मी
समलैंगिक या द्विलैंगिक (Bis*xual)
अफ्रीकन या हिस्पैनिक लोग