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राज्य में लाह उत्पादन को बढ़ावा के लिए कार्यशाला का आयोजन, इन संस्थाओं के प्रतिनिधि पहुंचे 

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रांची  

राज्य में लाह उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से  राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्करण संस्थान (NISA), रांची में 18 व 19 जून को 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय ‘लाह की खेती से राज्य में लखपति किसान की अपार संभावनाएं’ रखा गया। कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ अभिजित कर, झारखंड राज्य आजीविका मिशन के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक खालिद हुसैन, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के बिन्जू अब्राहम, ICICI फाउंडेशन के श्रीकांत, लाह किसानों एवं विशेषज्ञों के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। पहले दिन पैनल चर्चा एवं प्रस्तुति के माध्यम से राज्य में लाह की स्थिति और इसकी खेती में हो रही समस्याओं पर चर्चा की गयी।  इसके निराकरण पर जोर दिया गया। 


आगे की रणनीति बनायी गयी
कार्यशाला में आये सुझावों के आधार पर आगे की रणनीति बनायी गयी। इसे महत्वपूर्ण विभागों के साथ साझा करने का निर्णय लिया गया। कार्यशाला के दूसरे दिन झारखंड राज्य वन विकास निगम के प्रबंध  निदेशक एनके सिंह ने राज्य में बड़े पैमाने पर लाह के वृक्षारोपण की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे लाख की खेती को बढ़ावा मिल सके। निदेशक अभिजीत कर ने लाख में अपार संभावनाओं का उल्लेख किया और इसके प्रोसेसिंग पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। पूर्व निदेशक केके शर्मा ने झारखंड में कुसुमी और रंगीनी लाख के लिए उपयुक्त पोषक वृक्षों की प्रचुरता का जिक्र किया, जो जनजातीय समुदायों के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि इन वृक्षों पर लाख की खेती कर लोग अपनी आजीविका को सुधार सकते हैं।

कार्यशाला में इनकी रही भागीदारी 
 
कार्यशाला में खूंटी के महिला लाह किसान तुरलन धान, जयदेव महतो, नाबार्ड के एजीएम डी. टी. लुगुन, झास्कोलैंप के एमडी राकेश कुमार, एन.आई.एस.ए. के वैज्ञानिक अचिन्त्य प्रमाणिक, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के बिन्जू अब्राहम, आई.सी.आई.सी.आई. उंडेशन के स्टेट लीड श्रीकांत कुमार, एन.सी.एन.एफ. के प्रतिनिधि, प्रदान के समन्वयक  कीर्ति भूषण पाणी, विजय वीरू, मंथन के सुधीर पाल, लिव फाउंडेशन के छंदोश्री, उद्योगिनी की प्रनीता, टाटा ट्रस्ट के सोमनाथ, चैतन्या गंझू, सहभागी सेवा संस्थान के बसंत यादव, विभिन्न सिविल सोसाइटी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं प्रगतिशील किसानों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन प्रदान के प्रेम शंकर ने किया। कार्यशाला का लक्ष्य लाख क्षेत्र में सुधार के लिए एक रणनीतिक योजना विकसित करना और झारखण्ड सहित पडोसी राज्यों के लाह पर निर्भर समुदाय व किसानों की आजीविका को एवं लाह के सेक्टर को नई दिशा देना है। 


 

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