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सदन में रहा महिला विधायकों का बोलबाला, कल्पना ने हेमंत सरकार तो पूर्णिमा ने रघुवर सरकार की गिनायी उपलब्धियां

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द फॉलोअप डेस्क
 

बोलने में पीछे नहीं रही ममता देवी और लुईस मरांडी


मंगलवार को झारखंड विधानसभा में अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभागी की अनुदान मांग पर हुई चर्चा में महिलाएं प्रभावी रहीं। चर्चा में भाग लेते हुए झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने एक एक कर हेमंत सोरेन सरकार की कई उपलब्धियां गिनायीं। वहीं विपक्ष की ओर से भाजपा विधायक पूर्णिमा साहु ने अपने श्वसुर रघुवर दास सरकार की उपलब्धियां गिनाने में पीछे नहीं रही। कांग्रेस विधायक ममता देवी और झामुमो विधायक लुईस मरांडी भी पीछे नहीं रही। कल्पना सोरेन ने कहा कि केवल किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बना देने से कुछ नहीं होता। उन्होंने एसटी एससी ओबीसी कल्याण विभाग का नाम बदल कर एसटी एससी ओबीसी अधिकार विभाग करने की मांग रखी। कल्पना ने कहा कि कल्याण विभाग से शासन और दास की प्रतिध्वनि मालूम होती है। जबकि यह इन समुदायों के अधिकार को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने दावा किया कि मंईयां सम्मान योजना के कारण किसी विभाग का पैसा नहीं घटा है। सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कल्पना सोरेन ने कहा कि तीन लाख एकड़ वन भूमि का पट्टा वन क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को दिया गया। मल्टी स्टोरी छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है। 94 अन्य छात्रावासों के निर्माण का काम हो रहा है। केंद्र सरकार सर्वजन पेंशन के लिए केवल 11 लाख लोगों को राशि दे रही है जबकि राज्य सरकार अपने कोष से 22 लाख लोगों को। उन्होंने इस मद में केंद्र सरकार से मिलनेवाली राशि को 300 रुपए से बढ़ा कर 1500 करने की भी मांग की। 


रघुवर दास की सरकार ने आदिवासियों के लिए किए कई महत्वपूर्ण कामः पूर्णिमा साहु
पूर्णिमा साहु अपनी बात रखते हुए रघुवर दास सरकार की आदिवासियों के लिए किए काम को गिनायी। उन्होंने बताया कि ओल चिकी लिपि को मान्यता दी गयी। लुगुबुरू को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया गया। 2014 तक राज्य में एक लाख एकड़ वन भूमि का पट्टा वन क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों को दिया गया। पहाड़िया जनजातियों के लिए अलग से बटालियन बनाया गया। मानकी, मुंडा व अन्य ग्राम प्रधानों के लिए सम्मान राशि देने की शुरुआत की गयी। टाना भगतों के विकास के लिए प्राधिकार का गठन किया गया। आदिवासी गावों में विकास समिति का गठन किया गया। लेकिन वर्तमान सरकार की नीयत और नीति ठीक नहीं है। संथालपरगना में लव जिहाद चल रहा है। संथाल के छह जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य कर दिया गया है। कल्याण विभाग के बजट में कमी की गयी है। सरना स्थल के बचाव के लिए आदिवासियों को ही आंदोलन करना पड़ रहा है। सिर्फ नौकरी देने की बात हो रही है, परीक्षा कैलेंडर तक जारी नहीं हो रहा है। जबकि रघुवर दास की सरकार ने 1.25 लाख युवाओं को नौकरी देने का काम किया था। महिलाओं को सशक्त करने के लिए 50 लाख रुपए तक की प्रोपर्टी की रजिस्ट्री मात्र एक रुपए में करने की व्यवस्था की गयी थी। लेकिन वर्तमान सरकार केवल आदिवासी और महिला सशक्तिकरण का दिखावा करती है।


भाजपा सरकार अच्छा काम की तो विपक्ष में क्यों बैठा दी जनताः लुईस मरांडी
लुईस मरांडी ने सवाल खड़ा किया कि जब एनडीए सरकार ने पांच साल तक अच्छा काम की तो विपक्ष में क्यों बैठी। वहीं हेमंत सोरेन ने पांच साल तक ऐसा काम किए कि जनता ने फिर से भारी बहुमत के साथ सरकार में लाने का काम किया। महिलाएं आज हेमंत सोरेन को दुआ दे रही है। महिलाएं सशक्त हो रही है। वहीं ममता देवी ने ओबीसी आरक्षण कम किए जाने, हेमंत सोरेन पर झूठा आरोप लगा कर जेल भेजे जाने के लिए एनडीए को कोसा। 

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