द फॉलोअप डेस्कः
राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था कराह रही है। इसका ताजा उदाहरण सिमडेगा के कोलेबिरा प्रखंड के सकोरला एरेंगाटोली में देखने को मिला है। जहां प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला को परिजन खाट से लादकर सड़क तक लाए। ग्रामीण गर्भवती महिला को लगभग दो किमी पैदल चल कर सड़क तक लाया गया। इसके बाद एंबुलेंस की मदद से महिला को अस्पताल ले जाया गया।
क्या कहते हैं अधिकारी
मुखिया सुशीला डांग ने कहा कि साकोरला एरेंगा टोली गांव तक सड़क नहीं बन पाया है। कई बार सड़की की मांग की जा चुकी है लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं किया गया। सड़क नहीं रहने के कारण गांव से सड़क तक मरीजों को ले जाने के लिए खाट ही ग्रामीणों का एक मात्र सहारा है। बीडीओ बीरेंद्र कीड़ो ने एरेंगा टोली में प्रसव पीड़ित महिला को खाट में लाद कर अस्पताल ले जाने की जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से मिली है। अधिकारियों के माध्यम से गांव का निरीक्षण करवाया जाएगा। साथ ही गांव तक सहित सभी मूलभूत सुविधाएं बहाल कराया जाएगा।
पहले भी आती रही है ऐसी तस्वीर
खाट पर लादकर मरीजों को एंबुलेंस तक पहुंचाने का मामला पहली बार नहीं आया है। इससे पहले भी कई बार ऐसी तस्वीर सामने आती रही है। देश की आजादी के इतने साल बाद भी स्वास्थ्य व्यवस्था खटिया पर झूलती नजर आती है। एरेंगाटोली जैसे दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां सड़क का न रहना, मूलभूत सुविधाओं का न पहुंचना कहीं न कहीं सरकारी सिस्टम के हर गांव तक विकास की किरणें पहुंचाने के दावे पर सवालीय निशान खड़ा करता है।