रांचीः
नई उत्पाद नीति लागू होने से राज्य में शराब की किल्लत हो गयी है। या यूं कहें कि झारखंड में भी बिहार की तरह अघोषित शराबबंदी हो गई है। दारू आउट ऑफ स्टॉक हो गया है। दुकानों में वाइन, वोदका, रम और बीयर खत्म हो गया है। शराब विक्रेता पशोपेश में फंसकर शराब नहीं उठा रहे हैं।
सरकार की नीतियों को ठहराया जिम्मेदार
झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ ने दुकानों से शराब के स्टाक खत्म होने के कारणों के बारे में बताया कि सरकार की नीतियां इसके लिए जिम्मेवार है। जितने भी खुदरा व थोक विक्रेता हैं, उन्हें 30 अप्रैल तक का अवधि विस्तार दिया गया है।
बचा हुआ माल वापस करना होगा
सरकार की नई नीति के अनुसार 30 अप्रैल तक अगर दुकान में माल बच जाएगा तो उसे वापस करना होगा। अब खुदरा दुकानदारों का माल बच जाएगा तो वे खुदरा दुकानों को ही बचे हुए माल को हैंडओवर करेंगे, लेकिन उन्हें पूर्व में भुगतान किया गया ड्यूटी कर व बिक्री कर की वापसी नहीं होगी। वहीं थोक विक्रेताओं का माल थोक दुकानदार लेंगे। उन्हें माल की कीमत माल लेने वाला दुकानदार करेगा, लेकिन ड्यूटी कर व बिक्री कर का पूर्व में किया गया भुगतान जेएसबीसीएल करेगा। यह वजह है कि दुकानदारों ने माल का उठाव बंद कर दिया है।
थोक कारोबारियों को माल की सप्लाई रोक दी है
कहा तो यह भी जा रहा कि शराब निर्माता कंपनियों ने थोक कारोबारियों को माल की सप्लाई बंद कर दी है। इसकी मूल वजह थोक कारोबारियों पर शराब निर्माता कंपनियों का बकाया है। नई शराब नीति लागू होनी है, जिसे देखते हुए अप्रैल के महीने में निर्माता कंपनियां व शराब के थोक कारोबारी सप्लाई व बिक्री को लेकर रूचि नहीं ले रहे हैं।