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क्या है डीपफेक? कैसे जाल में फंस गईं रांची की 8 लड़कियां; पुलिस ने बताया बचाव का तरीका

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द फॉलोअप डेस्क
रांची की 8 लड़कियों का डीपफेक के जरिए न्यूड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। मामले को लेकर तुरंत हरकत में आई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार  कर लिया है। वहीं इस घटना के बाद झारखंड पुलिस काफी गंभीर है। सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने डीपफेक को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डीपफेक आखिरकार क्या है? कैसे इसकी जाल में रांची की 8 लड़कियां फंस गईं? इसके साथ ही इसके बचाव का तरीका भी बताया। 


क्या है डीपफेक
सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि डीपफेक एक टेक्नोलॉजी है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है।  डीपफेक वीडियो और फोटो दोनों रूप में हो सकता है। इसमें टेक्नोलॉजी की मदद से किसी रियल वीडियो या फोटो में दूसरे का चेहरा फिट कर दिया जाता है। इमसें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दोनों टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती है।


कौन-सी टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर करती है काम
डीपफेक में वीडियो और ऑडियो टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर बनाया जाता है। टेक्नोलॉजी में कोडर और डिकोडर टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती है। डिकोडर सबसे पहले किसी इंसान के चेहरे के हावभाव और बनावट की जांच करता है। इसके बाद किसी फर्जी फेस पर इसे लगाया जाता है, जिससे हुबहू फर्जी वीडियो और फोटो को बनाया जा सकता है। डीपफेक में फोटो और वीडियो फेक होते हुए भी रियल नजर आते हैं।

कैसे फंसी रांची की आठ लड़कियां
बता दें कि रांची की 8 लड़कियों की डीप फेक न्यूड वीडियो वायरल किया गया। पुलिस ने मामले पर कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी का नाम विवेक है। पुलिस ने उसे बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया गया है। विवेक पर आरोप है कि वो लड़कियों के डीप फेक वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करता है। उसने पुलिस के सामने आरोप को कबूल किया है। उसने बताया कि पहले वह खुद को पैसा वाला बता कर लड़कियों से दोस्ती करता था।  उसके बाद उन्हें अपने जाल में फंसा कर उनकी न्यूड फोटो हासिल करता था फिर उसे डिपफेक फोटो के जरिए न्यूड वीडियो जोड़कर उसे वायरल देता था। इसके बाद ब्लैकमेल करना शुरू करता था। 


कैसे होगा बचाव?
डीपफेक वीडियो को फेशियल एक्सप्रेशन से पहचाना जा सकता है। फोटो और वीडियो के आईब्रो, लिप्स को देखकर और उसके मूवमेंट से भी पहचान की जा सकती है।केंद्र सरकार जल्द ही ऐसी सामग्री के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेगी। इसमें शामिल मध्यस्थ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। वहीं आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने ऐसे डीपफेक वीडियोज को लोकतंत्र के खतरा बताया है। ऐसे डीपफेक वीडियो को अपलोड करने वाले और इसकी मौजूदगी वाले प्लेटफॉर्म, दोनों पर जुर्माना लगेगा। 

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