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चतरा : वृंदा सिसई कोल माइंस को डालमिया सीमेंट ने किया अपने नाम, फिर से खुल सकेंगे खदान लोगों को मिलेगा रोजगार

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चतराः


कोल ब्लॉक नीलामी होने के बाद वृंदा सिसई कोल माइंस के खुलने की उम्मीद फिर जग गयी है। यह माइंस 1377 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित है, जिसमें 860 हेक्टेयर वन भूमि व शेष रैयती व गैर-मजरूआ भूमि है। वृंदा माइंस में 34.71 मिलियन टन, सिसई में 26.34 मिलियन टन कोयले का भंडारण है। इस कोल ब्लॉक को डालमिया सीमेंट ने अपने नाम कर लिया। वृंदा सिसई कोल माइंस अबतक तीन कंपनियों को दिया जा चुका है लेकिन किसी न किसी कारण से इसके खुलने को लेकर कुछ ना कुछ रूकावटें आती रही है। 


तीन कंपनी को पहले ही आंवटित हो चुकी थी 
सबसे पहले 2004 में यह कंपनी अभिजीत ग्रुप ने अपने नाम किया था। इस कंपनी ने जमीन अधिग्रहण का काम लगभग 20 प्रतिशत तक पूरा कर लिया था।  कोल वासरी का निर्माण भी शुरू हो चुका था। लेकिन तभी आवंटन वितरण में गड़बड़ी को लेकर कोल ब्लॉक के आवंटन को रद्द कर दिया गया। 2014 में यह कंपनी का आवंटन उषा मार्टिन कंपनी को मिली। उषा मार्टिन ने भी कोल परियोजना शुरू करने की कवायद शुरू की। इसी बीच उषा मार्टिन ने भी उक्त कोल ब्लॉक को टाटा स्पंज को 2018 में हैंडओवर कर दिया लेकिन कुछ समस्याओ को देखते हुए टाटा स्पंज ने भी परियोजना शुरू करने में दिलचस्पी नही दिखायी और टाटा स्पंज ने भी सरेंडर कर दिया। 


जमीन मामले करनी होगी मेहनत

जानकारों की माने तो इस परियोजना को लेकर पर्यावरणीय स्वीकृति व फारेस्ट एनओसी का दो बड़ा महत्वपूर्ण काम हो चुका हैं। जमीन का मामलें में डालमिया कंपनी को बहुत मेहनत करना पड़ सकता है। अभिजीत ग्रुप ने जितनी जमीन खरीदी थी, उसे उषा मार्टिन को दिया था। फिर उषा मार्टिन ने टाटा को दे दिया था।