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नए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के प्रधान सचिव बने विनय चौबे

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द फॉलोअप डेस्क

मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के प्रधान सचिव के तौर पर विनय चौबे को नियुक्त किया गया। इसे लेकर झारखंड सरकार के कर्मिक,प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की ओर से एक अधिसूचना जारी किया गया है। जिसमें लिखा है कि विनय कुमार चौबे को अगले आदेश तक मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, झारखंड के पद पर नियुक्त एवं पदस्थापित किया जाता है। गौरतलब है कि वरिष्ठ झामुमो नेता चंपई सोरेन ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। झारखंड में आज से चंपई सरकार स्थापित हो गई। चंपई सोरेन के साथ आलमगीर आलम ने उपमुख्यमंत्री और सत्यानंद भोक्ता ने मंत्रिपद की शपथ ली।

गुरुवार को अपने पदों से दिया था इस्तीफा

गौरतलब है कि 31 जनवरी को हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 1 फरवरी यानि गुरुवार को विनय चौबे ने भी अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। जानकारी हो कि विनय चौबे 1999 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में ईडी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद हेमंत सोरेन खुद राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। 

मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार हुए हेमंत सोरेन
गौरतलब है कि रांची जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 31 जनवरी को सीएम आवास में हेमंत सोरेन से करीब 8 घंटे तक पूछताछ हुई। इसके बाद ईडी ने उनको हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद हेमंत सोरेन, अधिकारियों के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हेमंत सोरेन के इस्तीफे के कुछ ही समय बाद विधायक दल का नेता चुने गये चंपई सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को समर्थन पत्र सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान बाहर सत्ताधारी दल के विधायक भी मौजूद थे। चंपई सोरेन ने राज्यपाल के समक्ष विधायकों की परेड कराने की भी पेशकश की थी लेकिन राज्यपाल ने समय लेने की बात कही। गुरुवार की दोपहर को चंपई सोरेन ने फिर राजभवन को एक चिट्ठी फैक्स की और अविलंब सरकार गठन के लिए न्योता देने की मांग की। मिलने का समय मांगा। गुरुवार शाम 5:30 बजे चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की। तब भी राज्यपाल ने समय लेने की बात कही। इसके बाद विधायकों को हैदराबाद भेजने की कवायद की गई। हालांकि, फॉग की वजह से फ्लाइट कैंसिल हो गई और विधायक उड़ान नहीं भर सके।