रांची:
यूपीए विधायकों को 3 बसों के जरिए खूंटी के लतरातू ले जाया गया है। काफिले में शामिल आखिरी बस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी विधायकों के साथ मौजूद थे। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाले स्कॉर्ट वाहन की निगरानी में सभी विधायकों को खूंटी ले जाया गया है।
वहां, लतरातू डैम के किनारे विधायकों की शाम गुजरेगी। कहा जा रहा है कि विधायकों के खाने-पीने का बेहतरीन इंतजाम किया गया है। वहीं खूंटी सर्किट हाउस में विधायकों को ठहराया जायेगा। बताया जा रहा है कि लतरातू डैम के पास विधायकों के लिए लजीज भोजन का इंतजाम किया गया है। मैन्यू में मटन, चिकन, फिश फ्राई और वेजिटेरियन विधायकों के लिए पनीर से बने खाद्य पदार्थों का इंतजाम किया गया है।
11 बजे बुलाई गई थी यूपीए विधायकों की बैठक
गौरतलब है कि प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच दिन के 11 बजे यूपीए विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। बैठक के बाद सभी विधायकों को 3 बसों के जरिए मुख्यमंत्री आवास के पीछे वाले दरवाजे से निकाला गया। इस दौरान स्कॉट वाहन भी बसों के आगे-पीछे चल रहा था।
अब तक ये तकरीबन स्पष्ट हो चुका है कि विधायकों को खूंटी स्थित लतरातू डैम के पास ले जाया गया है। वहां रिसॉर्ट भी है। बस में सवार विधायकों की कई तस्वीरें भी सामने आई है जिसमें सभी बहुत खुश नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि झारखंड में जारी सियासी संकट के बीच महागठबंधन में टूट की आशंका के बीच विधायकों को एहतियातन राजधानी रांची से दूर ले जाया गया है। आगे की रणनीति वहीं बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री के साथ हंसते-मुस्कुराते दिखे विधायक
इस प्रकरण से संबंधित जो तस्वीरें सामने आई है उसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ कई विधायक और मंत्री नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की एक सेल्फी वाली तस्वीर भी सामने आई है। तस्वीर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह, बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम, मंत्री जोबा माजी, मंत्री हफीजुल हसन अंसारी, विधायक उमाशंकर अकेला, मथुरा प्रसाद महतो सहित कई अन्य लोग नजर आ रहे हैं। सभी विधायक काफी खुश और हंसते-मुस्कुराते नजर आ रहे हैं जो शायद से संदेश देने की कोशिश है कि सब ठीक है।
राज्यपाल ने चुनाव आयोग को भेजी है सिफारिश
बता दें कि खनन पट्टा लीज से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी जा चुकी है। कहा जा रहा है कि राज्यपाल रमेश बैस ने अपनी सिफारिश केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भेज दिया है। निर्वाचन आयोग अब इस बारे में नोटिफिकेशन जारी करेगा। पत्र, राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जायेगा और राज्य चुनाव आयोग इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रेषित करेगा। हालांकि, महागठबंधन के पास तब भी सरकार बनाने का पर्याप्त आंकड़ा है।