रांची:
आदिवासियों के बीच नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए कांग्रेस प्रतिबद्ध है। आदिवासियों के सम्मान और संस्कृति की रक्षा के लिए आदिवासी युवक-युवतियों आगे बढ़-चढ़कर कांग्रेस से जुड़ना चाहिए। नेतृत्व संभालना चाहिए। यह बातें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आज कांग्रेस भवन में कही। वह पार्टी की आदिवासी इकाई की बैठक में बोल रहे थे। इसका आयोजन 30 जनवरी को होने जा रही विशेष परिचर्चा को लेकर किया गया था। बैठक कांग्रेस भवन, रांची में दोपहर 12ः15 बजे से शुरू होगी। जिसमें आदिवासी कांग्रेस की सांगठनिक मजबूती एवं आदिवासियों के हित में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के समुचित संचालन पर चर्चा की जाएगी।
राजेश ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा आदिवासियों का हितैषी रही है। आजादी के बाद से ही आदिवासियों के हितों में सीएनटी एक्ट, आरक्षण, उत्पीड़न निषेध कानून, वनाधिकार कानून आदि कई कानूनों को लागू कराया। इसलिए हम आदिवासी कांग्रेस के नेताओं की जिम्मेदारी बनती है कि राज्य में इन कानूनों का अनुपालन पूरी सख्ती से किया जाए। उन्होंने कहा कि संगठन की मजबूती के लिए सक्रिय लोगों को जिम्मेदारी सौंपी जाए। कार्यकारी अध्यक्ष सह विधायक बन्धु तिर्की ने कहा कि आदिवासी कांग्रेस को पंचायत स्तर तक संगठन को मजबूत करना है और राज्य सरकार एवं पूर्व में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बने योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना है, जिसे आदिवासियों को लाभ मिल सके। बैठक की अध्यक्षता आदिवासी कांग्रेस के उपाध्यक्ष सन्नी टोप्पो ने की।
बैठक में संगठन प्रभारी रवीन्द्र सिंह, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, सतीश पॉल मुंजनी, कार्यालय प्रभारी अमुल्य नीरज खलखो, सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर गजेन्द्र सिंह, चैतु उरांव, जोशाय मरांडी, पीटर मुंडू, विपीन लुगून, सूचित सांगा, नरेश तिर्की, चन्द्रराय मार्डी, जोयशाय माडी, सारजोय मार्डी, बसन्त सुरीन, इन्दर हेम्ब्रोम सहित अन्य कांग्रेसजन शामिल थे।